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पुनर्जन्म में विश्वास करते हैं? नहीं... तो 5 साल के इस बच्ची की बातें सुनकर दंग रह जाएंगे

Viral News: सोशल मीडिया पर एक खबर वायरल है, जो पुनर्जन्म की कहानी से जुड़ी है. मामला गुजरात के पालनपुर का है. यहां 5 साल की एक बच्ची दावा कर रही है कि ये उसका पुनर्जन्म है. पुनर्जन्म के दावे के पीछे एक कहानी ये कि बच्ची जन्म से गुजराती है, कभी स्कूल नहीं गई, लेकिन फर्राटेदार हिंदी बोल रही है. बच्ची के बारे में जानकर शायद आप भी उसके दावे पर भरोसा करने लग जाएंगे.

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Edited By: India Daily Live
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Courtesy: Social Media

Viral News: सोशल मीडिया पर कई बार ऐसी खबरें आती हैं, जिनमें दावा किया गया होता है कि पुनर्जन्म की बातें सच होती हैं. कई बार बच्चे अपने पिछले जन्म की चौंकाने वाली बातें करते हैं. वे दावा करके बताते हैं कि पिछले जन्म में उनकी मौत कैसे हुई थी, उनका जन्म कहां हुआ था, वे कहां रहते थे? इन दिनों इसी तरह का एक मामला सामने आया है, जिसमें 5 साल की बच्ची दावा कर रही है कि ये उसका पुनर्जन्म है. वो ये भी बता रही है कि उसकी मौत पिछले जन्म में कैसे हुई थी और वो कहां रहती थी. बच्ची की बात को सच मानने के पीछे एक तर्क ये कि बच्ची कभी स्कूल नहीं गई, जन्म से गुजराती बोलने वालों के साथ रही, लेकिन कभी-कभी वो फर्राटेदार हिंदी बोलने लगती है और पिछले जन्म की कहानी बताने लगती है.

मामला गुजरात के बनासकांठा का है. यहां रहने वाली 5 साल की दक्षा का दावा है कि ये उसका पुनर्जन्म है. जब दक्षा हिंदी बोलती है, तो उसके परिवार समेत पूरा गांव और आसपास के लोग चौंक जाते हैं. उसने बताया कि 23 साल पहले वो कच्छ जिले के अंजार इलाके में रहती थी. 2001 में आए भूकंप में उसकी और उसके परिवार की मौत हो गई थी. दक्षा के दावों वाले कुछ वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल भी हैं.

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पूछने पर बोली- भगवान ने उसे यहां भेजा है

दक्षा, अपने माता-पिता के साथ खासा गांव में रहती है. गांव के वलजीभाई पटेल के खेत में दक्षा के पिता जेताजी ठाकोर काम करते हैं. जेताजी ठाकोर की दो बेटियां और एक बेटा है. दावा है कि उनकी बेटी के आसपास कभी कोई हिंदी नहीं बोलता, लेकिन पता नहीं उसने कहां से फर्राटेदार हिंदी बोलनी सीख ली. जब पहली बार जेताजी ठाकोर और उनकी पत्नी गीताबेन ने दक्षा को हिंदी बोलते सुना, तो उन्होंने इस बारे में उससे बात की और पूछा कि आखिर तुमने हिंदी बोलना कैसे सीखा, तब दक्षा ने बताया कि भगवान ने उसे यहां भेजा है. पिछले जन्म में वो अंजार में रहती थी, उसका नाम प्रिंगल था. 

आगे दक्षा बताती है कि वो अंजार में रहती थी और जिस दिन उसकी मौत हुई, वो स्कूल से लौट रही थी. उसने बताया कि एक बिल्डिंग की छत गिरने से उसकी मौत हो गई. उसने बताया कि घटना में उसके माता-पिता की भी मौत हो गई. ये पूछने पर कि क्या तुम दोबारा अंजार जाना चाहती हो, दक्षा कहती है कि नहीं उसे यहीं रहना है.

क्या कहते हैं दक्षा के माता-पिता?

दक्षा के पिता जेताजी ठाकोर के मुताबिक, जब शुरुआत में उसने हिंदी बोलना शुरू किया, तो हमलोगों ने ध्यान नहीं दिया. लेकिन जैसे-जैसे वो बड़ी होती गई, फर्राटेदार हिंदी बोलने लगी. एक दिन जब हमने उसे डांटा, तो उसने अपने पिछले जन्म की कहानी बताई और कहा कि वो अंजार में रहती थी और भूकंप में उसकी मौत हो गई थी. दक्षा की मां गीताबेन का कहना है कि वो जब तीन साल की थी, तब से हिंदी बोलती है. हम सब हैरान हैं कि आखिर उसने हिंदी कहां से सीखा?