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Delhi : दिल्ली की हवा को कौन कर रहा जहरीला, पराली का तो महज नाम, प्रदूषण और धूल है असली पहचान

कहते ही काम किसी का और नाम किसी का ऐसा ही कुछ बीते दिनों दिल्ली की आबोहवा को लेकर हुआ. हर तरफ शोर मचा था कि पराली जल रही है, तो दिल्ली की हवा जहरीली हो रही है, लेकिन हवा को खराब करने के पीछे असल माजरा कुछ ओर ही है,

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Edited By: Madhvi Tanwar
Delhi polution
Courtesy: Social Media

कहते ही काम किसी का और नाम किसी का ऐसा ही कुछ बीते दिनों दिल्ली की आबोहवा को लेकर हुआ. हर तरफ शोर मचा था कि पराली जल रही है, तो दिल्ली की हवा जहरीली हो रही है, लेकिन हवा को खराब करने के पीछे असल माजरा कुछ ओर ही है, दरअसल पीछले 4 दिन में दिल्ली की हवा का मौसम विज्ञान संस्थान ने परीक्षण किया. इसमें आखिरकार पराली निर्दोश साबित हुई. अब विशेषज्ञों की माने तो दिल्ली-एनसीआर की हवा में प्रदूषण वाहनों से निकलने वाले धुएं व छूल मिट्टी के कारण हो रहा है. अगर दिल्ली की हवा को साफ बनाना है तो सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था को मजबूत करना होगा, इसके साथ ही खुले पर लिए उड़ती हुई धूल पर भी रोक लगाना बेहद जरूरी है. 

वारिश के बाद आईआईटीएम ने दिखाई सक्रियता

बारिश के खत्म होते ही आईआईटीएम ने दिल्ली में हो रहे वायु प्रदूषण को लेकर गंभीरता दिखाई. इसके लिए सबसे पहले प्रदूषण के बढ़ते स्रोत का पता लगाया गया. इसमें कई चीजों का आकलन किया गया. जिसमें पराली को भी रखा गया. लेकिन आकलन में पाया गया कि पराली का एक भी अंश प्रदूषण में नहीं है. दिल्ली के प्रदूषण की तुलना अन्य शहरों से की गई. इसके हिसाब से जांच एजेंसी ने यह पता लगाया की इसे कैसे ठीक किया जाए. 

टीम रोकेगी पराली का धुंआ

पराली को जलाने पर रोक लगाने के लिए पंजाब और हरियाणा सरकार को पहले ही कोर्ट द्वारा निर्देश दिए गए थे. ऐसे में सीपीसीबी की टीम तैयार की गई है, जो 1 अक्तूबर से 20 नवंबर तक इन हॉट स्पॉट जिलों में तैनात रहेगी. अगर पराली जलने जैसी कोई घटना होती है तो उसे तुरंत रोकने के लिए टीम अपना काम करेगी. पंजाब के 16 व हरियाणा के 10 जिलों में यह टीम तैनात की गई है. 

इन जगहों पर तैनात रहेगी टीम

पंजाब में अमृतसर, बरनाला, बठिंडा, फरीदकोट, फतेहगढ़ साहिब, मानसा, मोगा, मुक्तसर, पटियाला, संगरूर और तरनतारन जिलों में पराली को जलने से रोकने के लिए टीम तैनात रहेंगी. वहीं बात की जाए हरियाणा की तो अंबाला, फतेहाबाद, हिसार, जींद, कैथल, करनाल, कुरुक्षेत्र, सिरसा, सोनीपत और यमुनानगर में यह टीम अपनी निगरानी बनाए रखेगी. 

दिल्ली की हवा है बेहद खराब श्रेणी में 

राजधानी दिल्ली ही हवा लगातार खराब श्रेणी की तरफ आगे बढ़ रही है. पश्चिम से उत्तर-पश्चिम की दिशा में हवा 12 किमी. प्रतिघंटे की रफ्तार से चले रही. वायु गुणवत्ता सूचकांक 151 यानी मध्यम श्रेणी में दर्ज किया गया. उत्तर भारत से पराली जलाने के 207 मामले दर्ज किए गए. पंजाब में कुल 26 मामले सामने आए. इससे दिल्ली में अधिकतर इलाकों की हवा बेहद की खराब श्रेणी में लगातार आगे बढ़ रही है.