दुनियाभर के लोगों में इस बात को जानने की बेहद जिज्ञासा रहती है कि आखिर मरने के बाद क्या होता? इंसान कहां जाता है, क्या स्वर्ग, नरक नाम की कोई चीज होती भी है या नहीं? मौत के बाद की दुनिया को हर कोई जानना चाहता है लेकिन इसके लिए मरना पड़ता है, लेकिन मरना कोई नहीं चाहता. हालांकि आज हम आपको एक ऐसे शख्स से मिलवाएंगे जो एक बार नहीं तीन-तीन बार मौत की यात्रा करके लौटा. डैनियन ब्रिंकले ने मौत के बाद की अपनी यात्रा को लेकर एक किताब भी लिखी जो बेस्ट सेलर बन गई.
कोई नहीं मरता
पूर्व सैनिक और बेस सेलर लेखक ब्रिंकले का पहली बार मौत से सामना 1975 में हुआ था, एक तेज बिजली टेलीफोन के खंभे से टकराने से उनकी मौत हो गई थी.
अमेरिकी मीडिया से बातचीत में उन्होंने बताया कि जब मुझे एम्बुलेंस से अस्पताल ले जाया जा रहा था तो डॉक्टरों ने मुझे मृत घोषित कर दिया था. अस्पताल जाते वक्त मुझे ऐहसास हुआ कि मैं अपने शरीर में से निकलकर ऊपर उठ गया हूं. मैं आग में जल हा हूं और लकवाग्रस्त हो गया हूं. करीब आधे घंटे बाद में अस्पताल के मुर्दाघर में जीवित हो गया. उन्होंने कहा कि इन 28 मिनटों की मौत के दौरान उनकी चेतना एक सुरंग से होकर गुजरी जहां उनका सामना एक प्रकाशवान आध्यात्मिक सत्ता से हुआ और उन्हें अपने जीवन की एक कठिन साइकिल से गुजरना पड़ा. ब्रिंकले ने बताया कि जब उन्होंने इस बारे में अपने परिवार को बताया तो उन्होंने विश्वास नहीं किया.
हार्ट सर्जरी के दौरान दूसरी मौत
ब्रिंकले का दूसरी बात मौत से सामना 1989 में हार्ट सर्जरी के दौरान हुआ, जब वे ऑपरेशन टेबल पर थे और मर चुके थे. डैनियल ने कहा कि उन्होंने उस दौरान जो कुछ भी अनुभव किया उसे उन्होंने परलोक के रूप में वर्णित किया.
दिव्य प्रशिक्षकों से हुआ मिलन
डैनियन ने कहा कि दूसरी बार मौत के दौरान उन्होंने खुद को एक क्रिस्टल सिटी में पाया जहां उनका अपने दिव्य प्रशिक्षकों से दोबारा मिलन हुआ जहां उन्होंने सीखा कि अपनी मानसिक और आध्यात्मिक प्रतिभाओं का उपयोग मरते हुए और हताश लोगों की सहायता के लिए कैसे किया जाए.
मस्तिष्क की सर्जरी के दौरान तीसरी मौत
डैनियन ने बताया कि मस्तिष्क की सर्जरी के दौरान उनका तीसरी बार परलोक जाना हुआ.
लिखी बेस्टसेलर किताब
अपने पहले दो अनुभवों के आधार पर डैनियन ने 'सेव्ड बाई द लाइट' नामक बेस्टसेलर किताब लिखी और अब वे अपना ज्यादातर समय गंभीर रूप से बीमार मरीजों को मौत से ना डरने की सलाह देते हुए बिताते हैं.
तो फिर आप नरक में नहीं जाएंगे
डैनियन ने कहा जब आप सीख जाते बहैं कि आप नहीं मरेंगे, जब आप सीख जाते हैं कि आप एक आध्यात्मिक प्राणी हैं तो आप नरक में नहीं जाएंगे. यह आपको बदलाव के लिए प्रेरित करने के लिए पर्याप्त है.