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India Daily

क्रिसमस पर उतरवा दिए सांता क्लॉज के कपड़े, हिंदू संगठन ने लगवाए 'जय श्रीराम' के नारे, वीडियो वायरल

जोमैटो (Zomato) के डिलीवरी बॉय ने सांता क्लॉज की ड्रेस पहनकर फूड डिलीवरी की, जिसे लेकर हिंदू जागरण मंच के कार्यकर्ताओं ने आपत्ति जताई. मामला इतना बढ़ गया कि संगठन के सदस्यों ने डिलीवरी बॉय की सांता क्लॉज ड्रेस उतरवा दी.

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Edited By: Babli Rautela
Christmas Viral Video
Courtesy: Social Media

Christmas Viral Video: इंदौर में क्रिसमस (Christmas) के मौके पर एक अनोखी और विवादास्पद घटना सामने आई है, यहां जोमैटो (Zomato) के डिलीवरी बॉय ने सांता क्लॉज की ड्रेस पहनकर फूड डिलीवरी की, जिसे लेकर हिंदू जागरण मंच के कार्यकर्ताओं ने आपत्ति जताई. मामला इतना बढ़ गया कि संगठन के सदस्यों ने डिलीवरी बॉय की सांता क्लॉज ड्रेस उतरवा दी.

क्रिसमस के दिन, जोमैटो कंपनी ने अपने डिलीवरी स्टाफ को सांता क्लॉज की ड्रेस पहनने का निर्देश दिया. इंदौर में हिंदू जागरण मंच के जिला संयोजक सुमित हार्डिया ने सड़क पर डिलीवरी बॉय को रोककर सवाल किया कि वह यह ड्रेस क्यों पहने हुए है. डिलीवरी बॉय ने जवाब दिया कि कंपनी ने ऐसा करने का निर्देश दिया है. इस पर हार्डिया ने कहा, 'कभी दीपावली पर भगवान राम की तरह ड्रेस पहनते हो क्या? भगवा पहनकर क्यों नहीं जाते?'

ड्रेस उतारने पर मजबूर

सुमित हार्डिया ने आरोप लगाया कि केवल दूसरे धर्मों के त्योहारों पर ऐसा किया जाता है, जबकि हिंदू त्योहारों को नजरअंदाज किया जाता है. डिलीवरी बॉय ने सफाई दी कि यह कंपनी की गाइडलाइन है, और उसे इसका पालन करना पड़ता है. लेकिन विवाद बढ़ने के बाद, डिलीवरी बॉय ने बिना किसी हर्ज के ड्रेस उतार दी. 

लगवाए 'जय श्रीराम' के नारे

डिलीवरी बॉय अर्जुन ने बताया कि सांता क्लॉज की ड्रेस पहनने का निर्देश कंपनी की ओर से दिया गया था. नियम के तहत, ड्रेस पहनकर सेल्फी लेकर कंपनी को भेजनी होती है. ऐसा नहीं करने पर सैलरी में कटौती होती है और अकाउंट ब्लॉक होने का खतरा रहता है.

इस पर हिंदू जागरण मंच के सदस्यों ने सुझाव दिया कि ड्रेस केवल सेल्फी के लिए पहनें, लेकिन डिलीवरी करते समय इसे न पहनें. ड्रेस उतारने के बाद कार्यकर्ताओं ने 'जय श्रीराम' का नारा लगाया.

सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल

इस घटना के बाद सोशल मीडिया पर लोग अपने रिएक्शन देने के लिए कूद पड़े. कुछ लोग हिंदू जागरण मंच के कदम को सही ठहरा रहे हैं, जबकि कई इसे असहिष्णुता और जबरदस्ती करार दे रहे हैं. लोगों ने इस वीडियो पर कई तरह के सवाल उठाए.

  1. क्या डिलीवरी बॉय पर इस तरह का दबाव डालना उचित है?
  2. क्या धार्मिक प्रतीकों को लेकर कामकाजी पेशेवरों पर सवाल उठाना सही है?
  3. कंपनी की गाइडलाइन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता के बीच संतुलन कैसे बने?