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Waterfall को भी बना दिया 'चाइनीज माल'? वीडियो में खुल गई घोटाले की पोल

China Waterfall: चीन के मशहूर युंताई वाटरफॉल का एक ऐसा वीडियो सामने आया है जिसने हर किसी के होश उड़ा दिए हैं. इस वीडियो के सामने आने के बाद चीन के अधिकारियों ने भी माफी मांगी है.

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दुनिया में कुछ चीजें ऐसी होती हैं, जिसे देखने के लिए लोग सरहदों को भी पार करने से पहले नहीं सोचते हैं. लोग उस स्थान, उस चीज की सुन्दरता देखने के लिए अलग-अलग देशों से चले जाते हैं. ऐसी ही एक जगह चीन में भी है. जिसे अपनी सुंदरता के लिए पूरे एशिया में जाना जाता है. यह एक झरना है, जो वाकई बेहद खूबसूरत है लेकिन हाल ही में इसे लेकर एक चाइनीज व्लॉगर ने झरने से जुड़ा रहस्य खोला है, लोग इसे सुनकर हैरान हैं.

ब्रह्मांड में कुछ जगहें ऐसी होती हैं, जिसे लोग कुदरत का करिश्मा मानकर ही उसे देखते हैं. लोग यह कल्पना भी नहीं कर सकते कि दुनिया में ऐसी जगहें काल्पनिक भी हो सकती हैं. अगर पता चले कि वह भी नकली है तो कितना झटका लगेगा? कुछ ऐसा ही चीन के लोगों के साथ हुआ है. चीन के मशहूर युंताइ वॉटरफॉल को देखने के लिए लोग बड़ी संख्या में आते हैं. यह वॉटरफाल पूरे एशिया में प्रसिद्ध है. जो इसे देखने जाते हैं वो इसके दृश्य को आश्चर्यचकित होकर देखते रह जाते हैं लेकिन उन्हें बिल्कुल अंदाजा नहीं था कि यह खूबसूरती नकली हो सकती है.

चीन ने कैसे बनाया नकली झरना?

युंताई वॉटरफॉल एशिया का सबसे ऊंचा झरना है. जिसकी ऊंचाई 314 मीटर है. झरने की खूबसूरती इतनी है कि वहां घूमने जाने वाले लोग खुद को इसकी तारीफ करने के से रोक ही नही पाते हैं. एक चीनी व्लॉगर किसी तरह झरने के ऊपर तक पहुंच गया और उसने वहां जो देखा, उसका वीडियो भी बना लिया. जैसे ही उसने अपना वीडियो पोस्ट करके दावा किया कि ये झरना नकली है, लोग हैरान रह गए.

क्या सच में झरना नकली है?

सोशल मीडिया पर अपलोड वीडियो में देखा गया कि किसी धातु की पाइप के माध्यम से झरने में पानी बहाया जा रहा है. लोगों ने इस वीडियो को फेक बताया. बाद में खुद युंताई माउंटेन सीनिक एरिया की ओर से बताया गया कि झरने की खूबसूरती बढ़ाने के लिए वाकई यहां पाइप से पानी बहाया जाता है. यहां वॉटर पंप और पाइप लगाए गए हैं. ये जानकर चीन के लोग सदमे में आ गए.

अब इस मामले पर चीन के अधिकारियों ने माफी मांगी है. उन्होंने यह भी कहा कि गर्मी के समय पानी कम होने की वजह से लोग निराश न हों इसलिए थोड़ी 'बढ़ोतरी' कर दी गई थी. दरअसल, गर्मियों के समय यहां बहुत सारे लोग आते हैं और अधिकारियों को लगा कि कहीं ऐसा न हो कि पानी कम होने की स्थिति में लोग यहां बंद न कर दें.