'प्यार भी, रोमांस भी फीलिंग भी,' चीन ने बनाई ऐसी डॉल, जो हूबहू लगेगी इंसान
China AI Doll: तकनीक ने इंसानी दुनिया को बेहद आसान किया है.इस दौरान वैज्ञानिकों ने एडवांस होती जनरेशन और उसकी जरूरतों को ध्यान में रखते हुए नए-नए अविष्कार किए हैं. ताजा मामला चीन से संबंधित है जहां के वैज्ञानिकों ने अगली पीढ़ी की जरूरतों और उनके नेचर को ध्यान में रखते हुए ऐसी डॉल्स का निर्माण कर रही हैं जो मानवीय जरूरतों को पूरा करने में सक्षम होंगी. यह डॉल इंसानों के जीवन को खुशनुमा बनाने में मदद करेंगी.
China AI Doll: तकनीक की वजह से इंसानों की दुनिया में क्रांतिकारी बदलाव हुए हैं. तकनीक के कारण लोगों की लाइफ एडवांस हुई है. हर दिन हो रही नई खोजों ने इंसान को धरती पर सबसे ताकतवर प्राणी बना दिया है. इस दौरान एआई के आगमन ने तकनीकी क्षेत्र की पूरी दुनिया को ही बदल दिया है. एआई के बढ़ते प्रभाव और उपयोग को देखते हुए चीन ने इंसानी डॉल का निर्माण कर लिया है. एआई मॉडल पर आधारित यह डॉल इंसानों से बात करेगी और उनके जीवन को खुशनुमा बनाने में मदद करेगी.
साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट की खबर के अनुसार, चीनी वैज्ञानिक और इंजीनियर रोबोट और इंसानों जैसी दिखने वाली गुड़िया पर चैटजीपीटी और एआई तकनीक को लागू कर रहे हैं. वैज्ञानिकों का कहना है कि इनका उद्देश्य तकनीकी और मानव के सामने मौजूद नैतिक चुनौतियों का सामना करना है.
जल्द ही लोगों के घरों में दिखेंगे उत्पाद
शेंजेन के स्टारपेरी टेक्नोलॉजी जो सबसे ज्यादा एआई आधारित डॉल का निर्माण करती है का कहना है कि वह अपने नए उत्पादों को लार्ज लैंग्वेज मॉडल के जरिए प्रशिक्षित कर रही है जिससे उनके उत्पाद मानवीय जरूरतों को समझने और उनके अनुरुप कार्य करने में सक्षम हो सकें.कंपनी के मुताबिक, यह डॉल्स मेल और फीमेल दोनों ही जेंडर में बाजार में मौजूद होंगी. यह इंसानी जरूरतों और उसके व्यवहार के अनुसार काम करने में सक्षम होंगी. कंपनी ने बताया कि आने वाले समय में उनके उत्पाद लोगों के घरों में जल्द देखने को मिलेंगे.
अगस्त तक तैयार हो जाएगा प्रोटोटाइप
कंपनी के सीईओ इवान ली ने कहा कि हम अगली पीढ़ी की जरूरतों और उनके नेचर को ध्यान में रखते हुए इन एआई आधारित डॉल का निर्माण कर रहे हैं. यह बिलकुल इंसानों की तरह होगी और उनके साथ होने पर उन्हें इंसानों के जैसा फील कराएंगी. यह बातचीत करने में भी सक्षम होंगी. उन्होंने कहा कि एआई आधारित डॉल का इस साल अगस्त तक प्रोटोटाइप तैयार होने की उम्मीद है. उन्होंने आगे कहा कि इसे बनाने में तकनीकी चुनौतियां बनी हुई हैं लेकिन हम इसमें सफलता पा लेंगे.