भारतीय सेना के नौजवान अफसर रहे कैप्टन अंशुमान सिंह अब शहीद हो चुके हैं. शुक्रवार को उनकी वीरता के लिए उन्हें मरणोपरांत कीर्ति चक्र से सम्मानित किया गया. पुरस्कार लेने आईं कैप्टन अंशुमान की पत्नी और उनकी मां को देख हर कोई भावुक हो गया. पुरस्कार समारोह का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है जिसे देखकर हर आंख में आंसू आ जा रहे हैं. राष्ट्रपति भवन में आयोजित एक पुरस्कार समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने वीरता पुरस्कार बांटे और बहादुर जवानों की शहादत और उनके साहस को सम्मानित किया.
कैप्टन अंशुमान सिंह उत्तर प्रदेश के देवरिया के रहने वाले थे. 19 जुलाई 2023 को वह सियाचिन के ग्लेशियर में तैनात थे. अचानक सेना के बंकरों में आग लग गई थी. कैप्टन अंशुमान ने अपने जवानों को आग के बीच फंसा देखा तो खुद कूद पड़े. वह बंकर में घुसे और 4 जवानों को सुरक्षित निकाल भी लिया. हालांकि, तब तक आग फैल गई थी जिसके चलते वह खुद वहीं फंस गए. आग में बुरी तरह झुलसने के बाद उनका इलाज चला लेकिन इलाज के दौरान ही उनकी मौत हो गई. वह पंजाब रेजिमेंट की 26वीं बटालियन की आर्मी मेडिकल कोर में तैनात थे.
President Droupadi Murmu presents the Kirti Chakra (Posthumous) to Captain Anshuman Singh. #DefenceInvestitureCeremony @rashtrapatibhvn pic.twitter.com/CpWRHRjJbs
— Doordarshan National दूरदर्शन नेशनल (@DDNational) July 5, 2024
राष्ट्रपति भवन में आयोजित सम्मान समारोह के दौरान जब अंशुमान सिंह का नाम लिया गया और उनकी वीरता की गाथा सुनाई गई तो हर किसी की आंखों में आंसू आ गए. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के सामने खड़ीं उनकी पत्नी स्मृति और माता मंजू सिंह की आंखें भी छलक उठीं. कॉमेंट्री के दौरान बताया गया कि 17 हजार फीट की ऊंचाई पर सियाचिन में कैप्टन अंशुमान मेडिकल ऑफिसर के तौर पर तैनात थे. उन्होंने मेडिकल उपकरणों और दवाओं को बचाने की भी भरसक कोशिश की थी.
भारत में कीर्ति चक्र शांति काल में दिया जाने वाला दूसरा सर्वोच्च वीरता पुरस्कार है. यहां शांति काल से मतलब यह है कि जब कोई जवान ऐसे समय में शहीद हो जब युद्ध न चल रहा हो. उदाहरण के लिए कैप्टन अंशुमान सिंह आग की एक बड़ी घटना को रोकने के लिए अपनी जान की परवाह किए बिना आगे बढ़े थे. उन्होंने कई लोगों की जान भी बचाई लेकिन वह खुद इस हादसे में मारे गए.