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कैप्टन अंशुमान सिंह को मरणोपरांत मिला कीर्ति चक्र, रुला देगा उनकी पत्नी का यह वीडियो

Captain Anshuman Singh: एक साल पहले सियाचिन ग्लेशियर के बीच मौजूद भारतीय सेना के कैंप में लगी आग में कैप्टन अंशुमान सिंह भी मारे गए. उस समय उन्होंने जो बहादुरी दिखाई थी उसके लिए उन्हें कीर्ति चक्र से सम्मानित किया गया है. कीर्ति चक्र लेने पहुंचीं उनकी मां और पत्नी का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है. दरअसल, पुरस्कार से पहले जब अंशुमान की बहादुरी के किस्से सुनाए गए तो उनकी पत्नी की आंखों में आंसू छलक आए.

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Edited By: India Daily Live
Captain Anshuman Singh Family
Courtesy: Social Media

भारतीय सेना के नौजवान अफसर रहे कैप्टन अंशुमान सिंह अब शहीद हो चुके हैं. शुक्रवार को उनकी वीरता के लिए उन्हें मरणोपरांत कीर्ति चक्र से सम्मानित किया गया. पुरस्कार लेने आईं कैप्टन अंशुमान की पत्नी और उनकी मां को देख हर कोई भावुक हो गया. पुरस्कार समारोह का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है जिसे देखकर हर आंख में आंसू आ जा रहे हैं. राष्ट्रपति भवन में आयोजित एक पुरस्कार समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने वीरता पुरस्कार बांटे और बहादुर जवानों की शहादत और उनके साहस को सम्मानित किया.

कैप्टन अंशुमान सिंह उत्तर प्रदेश के देवरिया के रहने वाले थे. 19 जुलाई 2023 को वह सियाचिन के ग्लेशियर में तैनात थे. अचानक सेना के बंकरों में आग लग गई थी. कैप्टन अंशुमान ने अपने जवानों को आग के बीच फंसा देखा तो खुद कूद पड़े. वह बंकर में घुसे और 4 जवानों को सुरक्षित निकाल भी लिया. हालांकि, तब तक आग फैल गई थी जिसके चलते वह खुद वहीं फंस गए. आग में बुरी तरह झुलसने के बाद उनका इलाज चला लेकिन इलाज के दौरान ही उनकी मौत हो गई. वह पंजाब रेजिमेंट की 26वीं बटालियन की आर्मी मेडिकल कोर में तैनात थे.

आंसू रोक नहीं पाईं मां और पत्नी

राष्ट्रपति भवन में आयोजित सम्मान समारोह के दौरान जब अंशुमान सिंह का नाम लिया गया और उनकी वीरता की गाथा सुनाई गई तो हर किसी की आंखों में आंसू आ गए. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के सामने खड़ीं उनकी पत्नी स्मृति और माता मंजू सिंह की आंखें भी छलक उठीं. कॉमेंट्री के दौरान बताया गया कि 17 हजार फीट की ऊंचाई पर सियाचिन में कैप्टन अंशुमान मेडिकल ऑफिसर के तौर पर तैनात थे. उन्होंने मेडिकल उपकरणों और दवाओं को बचाने की भी भरसक कोशिश की थी.

कब मिलता है कीर्ति चक्र?

भारत में कीर्ति चक्र शांति काल में दिया जाने वाला दूसरा सर्वोच्च वीरता पुरस्कार है. यहां शांति काल से मतलब यह है कि जब कोई जवान ऐसे समय में शहीद हो जब युद्ध न चल रहा हो. उदाहरण के लिए कैप्टन अंशुमान सिंह आग की एक बड़ी घटना को रोकने के लिए अपनी जान की परवाह किए बिना आगे बढ़े थे. उन्होंने कई लोगों की जान भी बचाई लेकिन वह खुद इस हादसे में मारे गए.