Watch: मां-बाप दोनों अंधे, दिल्ली मेट्रो में तीन बच्चों संग मस्ती में कर रहे सफर, देखें इमोशनल Video
Delhi Metro Viral Video : मां-बाप अपने बच्चे को अपना सहारा मानते हैं. बहुत से बच्चे बड़े होकर जहां अपने माता-पिता का सहारा बनते हैं तो वहीं कुछ बच्चे ऐसे भी होते हैं जो बचपन से ही अपने माता-पिता का सहारा बन जाते हैं. जैसा इस वीडियो में देखा जा रहा है.
Delhi Metro Viral Video : गरीब हो या अमीर, अंधे हो या फिर पूरी तरह से ठीक, सभी के लिए उनके बच्चे सबसे प्यारे होते हैं. मां-बाप अपने बच्चों के लिए ही सबकुछ करते हैं. कहा जाता है और ऐसा देखा जाता है कि मां-बाप बच्चों के साथ बच्चे बन जाते हैं. मां-बाप अपने बच्चे को अपना सहारा मानते हैं. बहुत से बच्चे बड़े होकर जहां अपने माता-पिता का सहारा बनते हैं तो वहीं कुछ बच्चे ऐसे भी होते हैं जो बचपन से ही अपने माता-पिता का सहारा बन जाते हैं. जैसा इस वीडियो में देखा जा रहा है.
नेत्रहीन मां-बाप अपने बच्चों संग ले रहे मेट्रो का आनंद
सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे इस वीडियो में देखा जा सकता है कि एक आदमी और औरत मेट्रो में बैठे हैं. साथ ही उनके तीन बच्चे भी है. जो अपने में मश्त नजर आ रहे हैं. हालांकि औरत के ये अपने तीनों बच्चों पर पूरा ध्यान बनाए हुए है जबकि वो देख नहीं सकती है. जानकारी के अनुसार इन बच्चों के माता-पिता दोनों पूर्ण रूप से नेत्रहीन हैं. जो दिल्ली मेट्रो में सफर कर रहे हैं.
वैसे तो दिल्ली मेट्रो से हर दिन कोई न कोई अश्लील या आपत्तिजनक वीडियो सामने आती है. लेकिन बहुत दिनों के बाद कोई ऐसा वीडियो सामने आया है जिसको देख मन भावुक हो जा रहा है.
यूजर बोली- हम जैसे हैं वैसे ही स्वीकार करना चाहिए
इस वायरल वीडियो को @salty_shicha_offical नाम के एक यूजर ने अपने एक्स अकाउंट से शेयर किया है. जिसके कैप्शन में लिखा है 'आज ऑफिस से घर लौटते समय ये प्यारा सा दृश्य देखने को मिला. दिल्ली मेट्रो के स्टेशन से मेट्रो हेल्पर आया और सुनिश्चित किया कि इस परिवार को महिला कोच में विशेष सीट पर बैठाया जाए. इस परिवार में 2 वयस्क शामिल हैं जो पूरी तरह से अंधे हैं और 3 बच्चे हैं. पूरा परिवार बेहद खुश और संतुष्ट हैं. वे अपने परिवार का आनंद ले रहे हैं. वे अपनी मेट्रो यात्रा का आनंद ले रहे हैं. वे खुद को वैसे ही स्वीकार करते हैं जैसे वे हैं. वे वास्तव में उस क्षण को जी रहे हैं. यह परिवार मुझे सकारात्मक उत्साह देता है.
वहीं एक हम जो हमेशा हर चीज से शिकायत करते रहते हैं. अपने आप को स्वीकार करें और इस पल को संजोएं.'