Bangalore engineer quits Rs 1 crore job without planning : 30 वर्षीय बेंगलुरु के इंजीनियर वरुण हसीजा ने अक्टूबर में अपनी ₹1 करोड़ से अधिक रुपये वाली नौकरी को अलविदा कह दिया. यह निर्णय उनके लिए आसान नहीं था, लेकिन उन्होंने इसे अपने मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के लिए आवश्यक बताया. वरुण, जो एक प्रोडक्ट मैनेजर के रूप में काम कर रहे थे, ने बिना किसी बैकअप प्लान के अपनी नौकरी से अलविदा कह दिया. दरअसल उन्होंने मेंटल हेल्थ के लिए यह नौकरी छोड़ी है.
उन्होंने कहा, "यह निर्णय अचानक नहीं था, बल्कि मेरे 10 साल के करियर में अपनाए गए एक सुसंगठित ढांचे का परिणाम था. मुझे अपने जीवन में पहली बार सही मायने में ब्रेक की जरूरत थी."
वरुण ने सबसे पहले अपनी पत्नी डॉ. मोक्षदा मंचंदा, जो एक अंग्रेजी प्रोफेसर हैं, के साथ यह निर्णय साझा किया. उन्होंने अगले कुछ महीनों तक अपने सभी खर्चों पर ध्यान दिया. उन्होंने बताया, "हमने एक साधारण एक्सेल शीट बनाई और सभी खर्चों को श्रेणियों में विभाजित किया—जैसे कि किराया, राशन, बीमा, यात्रा आदि. हर महीने के अंत में हम अपने खर्चों की समीक्षा करते और इसे ‘जरूरी’ और ‘अच्छा-होने-वाला’ खर्चों में बांटते."
वरुण और उनकी पत्नी ने छह महीने के ब्रेक के लिए तैयारी की थी. लेकिन मौजूदा बाजार को देखते हुए उन्होंने 12 महीने की वित्तीय सुरक्षा सुनिश्चित की. उन्होंने कहा, "हमने अपने मासिक बजट को 12 से गुणा किया और एक सुरक्षित लक्ष्य निर्धारित किया."
वरुण के अनुसार, स्थायित्व को छोड़ना आसान नहीं था. उनके लिए खुशी, प्रभाव और संपत्ति निर्माण जैसे तीन महत्वपूर्ण घटक किसी भी नौकरी को चुनने में अहम भूमिका निभाते हैं. उनकी पिछली नौकरी में इनमें से दो घटक गायब थे, और इसी वजह से उन्होंने नौकरी छोड़ने का निर्णय लिया.
नौकरी छोड़ने के बाद वरुण ने अपनी दिनचर्या को बदल दिया. वे अब अपने मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य का ध्यान रखने के साथ-साथ अपने परिवार के साथ गुणवत्तापूर्ण समय बिता रहे हैं. वरुण ने अपने अनुभव से कुछ सुझाव भी साझा किए:
बड़े खर्चों को टालें: यदि आप घर खरीदने जैसी बड़ी योजना बना रहे हैं, तो उसे स्थगित करें.
परिवार की सहमति लें: परिवार को विश्वास में लेने से तनाव कम होता है.
वित्तीय योजना बनाएं: बिना वित्तीय सुरक्षा के ब्रेक लेना तनावपूर्ण हो सकता है. इसलिए पर्याप्त बचत रखें.
वरुण का यह साहसिक कदम सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बन गया है. कई लोगों ने उनकी हिम्मत की सराहना की, तो कुछ ने इसे जोखिम भरा कदम बताया. लेकिन वरुण के लिए यह निर्णय उनके जीवन को बेहतर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम था.