Lok Sabha Elections 2024: बिहार में NDA में सीट बंटवारा तय, Hajipur सीट पर फंसा पेंच, चिराग कर सकते हैं बड़ा खेल!
Lok Sabha Elections 2024: लोकसभा चुनाव को लेकर बिहार में एनडीए गठबंधन में सीट बंटवारा तय माना जा रहा है लेकिन एक ऐसी सीट है जहां पर सींट बंटवारे को लेकर JDU और एलजेपी के बीच पेंच फंंस सकता है.
Lok Sabha Elections 2024 : लोकसभा चुनावों की सरगर्मी के बीच बिहार में एनडीए की माथापच्ची पिछले कई दिनों से जारी थी.. लेकिन अब सीट बंटवारे के लेकर इस गठबंधन के सभी दलों के बीच सहमति बन चुकी है.बीजेपी 20 से 22 सीटें, जेडीयू 12 से 14 सीटों पर चुनाव लड़ सकती है, वहीं एलजेपी को 4 सीटें देने पर सहमति बनी है, कहा जा रहा है कि चिराग पासवान और उनके चाचा पशुपति पारस दोनों को एडजस्ट करेगी बीजेपी.. दोनों का वोट शेयर बिहार में ठीक-ठाक है, लिहाजा दोनों को सजाए रखना बीजेपी की एक बड़ी रणनीति का हिस्सा है.. वहीं एक सीट उपेंद्र कुशवाहा को और एक सीट जीतन राम मांझी की पार्टी HAM को दी जाने की बात कही जा रही है.
बिहार में एनडीए का कुनबा पड़ा है. इसमें छह दल शामिल हैं. पिछले लोकसभा चुनाव में बीजेपी और जेडीयू ने बराबर-बराबर 17-17 सीटों पर चुनाव लड़ा था. लोकसभा चुनाव के बाद नीतीश कुमार एनडीए से अलग हो गए थे लेकिन अब वो फिर एनडीए में वापसी कर चुके हैं.
सूत्रों की मानें तो नीतीश कुमार के आने से पहले तक एनडीए में सीटों को लेकर ज्यादा पेच नहीं था. लेकिन नीतीश कुमार की वापसी के बाद पूरा गणित प्रभावित हो गया. दूसरी तरफ, चाचा और भतीजे के बीच रार की खबरें भी सामने आई हैं. दरअसल, चिराग पासवान और उनके चाचा और केंद्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस दोनों ही हाजीपुर सीट को लेकर अड़े हुए हैं.चिराग पासवान के नाराजगी की भी खबरें को हवा मिली जब बिहार में वो पीएम नरेंद्र मोदी के कार्यक्रम में शामिल नहीं हुए.
इन दोनों नेताओं की 'जिद' एक तरह से बीजेपी के लिए सिरदर्द भी है. इस सीट से रामविलास पासवान सांसद थे. 2019 में पशुपति कुमार पारस यहां से जीते. इस बीच सूत्रों ने बताया कि चिराग पासवान बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा से गुरुवार यानी कि 7 मार्च की रात मुलाकात करेंगे. दोनों नेताओं के बीच लोकसभा सीट शेयरिंग को लेकर चर्चा होगी.
इससे पहले एक मीडिया हाउस से बातचीत में पशुपति कुमार पारस ने खुद को एनडीए का ईमानदार सहयोगी बताया था. उन्होंने साफ-साफ कहा था कि एनडीए की बिहार में सबसे बड़ी सहयोगी बीजेपी है. ऐसे में सीट शेयरिंग को लेकर प्रधानमंत्री मोदी, अमित शाह और जेपी नड्डा जो फैसला लेंगे वो उन्हें और उनकी पार्टी को मान्य होगा.