सुप्रीम कोर्ट के एक आदेश से बदल गई जेल में बंद कैदियों की जिंदगी, अब हजारों की होगी रिहाई

जेल में बंद कैदियों के लिए अच्छी खबर है. 23 अगस्त को सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया कि देशभर में भारतीय न्याय संहिता की धारा 479 लागू होगी. यानी जो कैदी अपनी सजा का एक तिहाई हिस्सी काट चुके हैं उन्हें इसके तहत जमानत मिल जाएगी और वो बाहर आ सकेंगे.

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23 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया कि भारतीय न्याय संहिता की धारा 479 पूरे देश में लागू होगा. सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश के बाद हजारों कैदियों की रिहाई का रास्ता साफ हो गया है. एससी ने देशभर के जेल अधीक्षकों को आदेश दिया है कि इस धारा के अनुसार जो भी विचाराधीन कैदी अपनी सजा की एक तिहाई अवधि पूरी कर चुके हैं उनके आवेदन पर कार्रवाई की जाए. 3 महीने के अंदर सभी जेल अधीक्षकों को इसका डाटा तैयार करना है.

यानी जो भी विचाराधीन कैदी सजा का एक तिहाई समय जेल में काट चुके हैं उन्हें तुरंत जमानत मिल जाएगी. इससे जेल में बंद कैदियों की संख्या भी कम होगी और साथ ही साथ जेल में भीड़ भी कम होगी. यह धारा उन कैदियों पर नहीं लागू होगी जो उम्र कैद की सजा काट रहे हैं. 

1 जुलाई से देश में नए आपराधिक कानून लागू हुए थे. भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम के तहत 1 जुलाई से अदालती कार्रवाई हो रही है. सुप्रीम कोर्ट जेल में बढ़ती भीड़ पर साल 2021 से ही नजर बनाए हुए है. सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले पर स्वत: एक्शन लेते हुए सरकार से जवाब मांगा है.