दिल्ली में चल रहा था किडनी ट्रांसप्लांट का रैकेट, 7 हजार पन्नों की चार्जशीट से खुले कई राज
देश की राजधानी दिल्ली में एक बड़े किडनी ट्रांसप्लांट रैकेट का खुलासा हुआ. मीडिया में सूत्रों के हवाले से दी जा रही खबर के अनुसार, 7,112 पन्नों की चार्जशीट में कुल दस लोगों को आरोपित बनाया गया है. इस आरोप-पत्र को पिछले हफ्ते शहर की एक अदालत में दायर किया गया था.
देश की राजधानी दिल्ली में एक बड़े किडनी ट्रांसप्लांट रैकेट का खुलासा हुआ. ये रैकेट देश के कई राज्यों में फैला हुआ था. दिल्ली पुलिस ने इस मामले में 7 हजार पन्नों की चार्जशीट दायर की है, जिसमें 10 लोगों को आरोपी बनाया गया है. इस रैकेट का भंडाफोड़ दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने इसी साल जुलाई में किया था. तीन बांग्लादेशी नागरिकों समेत एक महिला डॉक्टर को गिरफ्तार किया था.
मीडिया में सूत्रों के हवाले से दी जा रही खबर के अनुसार, 7,112 पन्नों की चार्जशीट में कुल दस लोगों को आरोपित बनाया गया है. इस आरोप-पत्र को पिछले हफ्ते शहर की एक अदालत में दायर किया गया था. इसमें पुलिस ने बताया कि महिला डॉक्टर, डी विजय राजकुमारी, जो दक्षिण-पूर्व दिल्ली के इंद्रप्रस्थ अपोलो अस्पताल में फीस-फॉर-सर्विस के आधार पर किडनी ट्रांसप्लांट सर्जन के रूप में काम कर रही थी, वह कथित तौर पर 2021 और 2023 के बीच बांग्लादेश के लगभग 15 लोगों के किडनी ट्रांसप्लांट में शामिल थीं.
गिरोह दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, मध्य पदेश और गुजरात में सक्रिय था. आरोपित पहले शहर के बड़े अस्पतालों में प्रत्यारोपण सह-समन्वयक के रूप में नौकरी प्राप्त करते थे और फिर इस काम में लग जाते थे. विभिन्न अस्पतालों में किडनी रोग से पीड़ित और इलाज करा रहे मरीजों की पहचान कर उनसे संपर्क साध किडनी प्रत्यारोपण कराने की इच्छा जानते थे. जो मरीज इनकी मांग के अनुसार पैसे देने के लिए तैयार हो जाते थे, ये लोग उनका किडनी प्रत्यारोपण करवा देते थे.