एक्सप्रेसवे पर दौड़ने वाली स्लीपर बसें कितनी सुरक्षित हैं? खुद देख लें हकीकत
Sleeper Buses: देश की सड़कों पर हर दिन हजारों स्लीपर बसें दौड़ती हैं. इन बसों में सुरक्षा मानकों का अक्सर ध्यान नहीं रखा जाता. जरूरत से ज्यादा सवारियां और ओवरलोडिंग तो आम बात है. यही वजह रही कि कई बस संचालक इंडिया डेली लाइव के कैमरे से बचते नर आए.
हाल ही में दिल्ली-लखनऊ एक्सप्रेसवे पर एक हादसा हुआ. हादसे का शिकार हुई स्लीपर बस में सवार रहे 18 लोगों की मौत हो गई और दर्जनों लोग बुरी तरह घायल भी हुई. हैरान करने वाली बात यह थी कि बिहार से दिल्ली आ रही इस बस में सिर्फ एक ही ड्राइवर था. ऐसे में जब इंडिया डेली लाइव ने पड़ताल की तो बस में सवार होने वाले ज्यादातर लोगों को सेफ्टी से जुड़े नियम नहीं पता हैं. इतना ही नहीं, इन बसों में कई तरह की तकनीकी खामियां भी देखने को मिलीं.
हमारी पड़ताल में पता चला कि इन बसों में तय क्षमता से ज्यादा सवारियां बिठाई जाती हैं. इतना ही नहीं, कई बसों के ड्राइवरों को पर्याप्त आराम नहीं मिलता. साथ ही, कई बसों का फिटनेस सर्टिफिकेट भी पूरा नहीं होता है.कैमरा देखने के बाद कई बस संचालक इधर-उधर भागते दिखे या फिर सवालों से बचते दिखे. इन बसों में भारी संख्या में यात्री और ऊपर बहुत सारा सामान भी देखने को मिला. इतना ही नहीं, यह साफ समझ आ रहा था कि इन बसों को ओवरलोडिंग करके ही चलाया जा रहा है.
हमारी रिपोर्टर ने कैमरे पर इन बस संचालकों ने कागज दिखाने से इनकार कर दिया और कैमरे के सामने से हटा गए. वहीं, बस में सवार यात्रियों को यह भी नहीं पता था कि बस की स्थिति क्या है और ड्राइवर कितने घंटे काम करने के बाद बस चलाने आ रहा है.