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India Daily

कोलकाता कांड: आरजी कर में आज से इमरजेंसी सेवाएं जारी, ड्यूटी पर लौटेंगे जूनियर डॉक्टर्स, बोले- लड़ाई जारी है

Kolkata Horror: कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल के प्रदर्शनकारी जूनियर डॉक्टरों के साथ एकजुटता दिखाने के लिए शुक्रवार को कोलकाता में दो अलग-अलग मार्च में बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए. ये मार्च 9 अगस्त को कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में बलात्कार और हत्या की शिकार हुई एक महिला ट्रेनी डॉक्टर के लिए न्याय की मांग को लेकर निकाले गए.

यह तब हुआ जब गुरुवार देर शाम जूनियर डॉक्टरों ने 9 अगस्त से शुरू हुई अपनी हड़ताल को आंशिक रूप से वापस लेने की घोषणा की. हालांकि शनिवार को आपातकालीन सेवाएं फिर से शुरू हो जाएंगी, लेकिन डॉक्टरों ने चेतावनी दी है कि अगर बेहतर सुरक्षा उपायों की उनकी सभी मांगें पूरी नहीं की गईं तो वे आगे भी विरोध प्रदर्शन करेंगे.

10 सितंबर से जारी थी धऱना-प्रदर्शन

शुक्रवार को जूनियर डॉक्टरों ने राज्य स्वास्थ्य विभाग मुख्यालय, स्वस्थ्य भवन से सीजीओ कॉम्प्लेक्स तक मार्च निकाला, जिसके साथ ही 10 सितंबर से शुरू हुआ उनका धरना-प्रदर्शन समाप्त हो गया.

डॉक्टरों के मार्च में बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए. इसी समय, शहर के दूसरे छोर पर भी एक और मार्च निकाला गया. हाईलैंड पार्क से शुरू होकर श्यामबाजार में समाप्त होने वाले इस मार्च में पीड़िता के लिए न्याय की मांग की गई. आम जनता, खेल प्रेमी, विभिन्न संस्थानों के पूर्व छात्र, कलाकार, आईटी पेशेवर और नागरिक समाज के सदस्य मार्च में शामिल हुए. अभिनेता उशी चक्रवर्ती और रूपा भट्टाचार्य के साथ-साथ थिएटर व्यक्तित्व सौरव पालोधी भी मौजूद थे. पिछले डेढ़ महीने से, विभिन्न क्षेत्रों के लोग स्वास्थ्य कर्मियों के लिए जवाबदेही और बेहतर सुरक्षा की मांग के लिए एक साथ आ रहे हैं.

हड़ताल का आंशिक रूप से वापस लिया जाना डॉक्टरों और सरकार के बीच बातचीत में कुछ प्रगति दर्शाता है. हालांकि, डॉक्टरों की ओर से नए सिरे से विरोध प्रदर्शन की लगातार चेतावनी से संकेत मिलता है कि बेहतर कामकाजी परिस्थितियों के लिए लड़ाई अभी खत्म नहीं हुई है.

प्रदर्शनकारी बोले- हमें दिए गए हैं कई आश्वासन

आरजी कर अस्पताल में प्रदर्शनकारियों में से एक लहरी सरकार ने मीडियाकर्मियों से कहा कि हमें कई आश्वासन दिए गए हैं. लेकिन यह सिर्फ आश्वासन के स्तर पर है. हमें बताया गया है कि 100 करोड़ रुपये मंजूर किए गए हैं, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि इससे अस्पताल की सुरक्षा की गारंटी होगी. हमें सुप्रीम कोर्ट में अगली सुनवाई से पहले सरकार से इस पर कुछ कार्रवाई की उम्मीद है.

डॉक्टरों ने बताया कि बाढ़ से तबाह ग्रामीण बंगाल की स्थिति को देखते हुए उन्होंने अस्थायी तौर पर आंदोलन वापस लेने का फैसला किया है. डॉक्टरों ने कहा कि हमारी एक टीम पंसकुरा पहुंच गई है. हमने वहां बाढ़ प्रभावित लोगों के इलाज की जिम्मेदारी ली है. इस तरह हम अपने अधिकारों, मांगों के लिए आंदोलन करेंगे और आम लोगों के लिए अपना कर्तव्य निभाएंगे. यह आंदोलन, न्याय की लड़ाई जारी रहेगी.

एक अन्य जूनियर डॉक्टर परमिता भंडार ने कहा कि हमारे विरोध के 42 दिन... हमने पिछले 11 दिन सड़क पर बिताए. चिलचिलाती धूप से लेकर भारी बारिश तक, कुछ भी हमें हिला नहीं सका. आखिरकार सरकार ने हमारी कुछ मांगें मान ली हैं. जैसा कि हमने देखा है, राज्य सरकार ने कुछ सीनियर अधिकारियों का तबादला कर दिया है. संदीप घोष और एक पुलिस कर्मी को गिरफ्तार किया गया. फिलहाल, कुछ जीत के बाद, हम अपने आरजी कर कैंपस में वापस आ गए हैं.