Election Cost in India: पहली लोकसभा चुनाव से अब तक कितने हुए खर्च, जानिए पूरा आंकड़ा
Election Cost in India: लोकसभा चुनाव को लेकर जहां सियासी गहमागहमी जोरों पर है वहीं चुनाव आयोग निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए तमाम तरह की तैयारियों को अंतिम रूप देने में जुटी है. ऐसे में सवाल उठता है कि लोकसभा चुनाव में सरकार का ईवीएम, सुरक्षा से लेकर तमाम तरह की तैयारियों पर कितना खर्च होता है और आजादी के बाद से अब तक चुनावी खर्च कितना बढ़ गया है?
Election Cost in India: स्वतंत्र भारत में पहला आम चुनाव 25 अक्टूबर 1951 से 21 फरवरी 1952 के बीच हुआ था. यह कारवां बढ़ते-बढ़ते 18वीं लोकसभा तक आ चुका है. पहली लोकसभा चुनाव जहां 68 चरणों में हुआ था वहीं 18वीं संसदीय चुनाव 7 चरणों में होने जा रहा है. पहली लोकसभा चुनाव में चुनाव आयोग ने 10.5 करोड़ रुपए खर्च हुए थे, वहीं अब ये आंकड़ा हजारों करोड़ को पार कर चुका है।
देश में महंगाई का ग्राफ जैसे-जैसे बढ़ता गया इसका असर चुनावों पर भी दिखा. लेकिन महंगाई के मुकाबले चुनाव आयोग का खर्च कई गुना तेजी से बढ़ा है. 2019 में हुए 17वीं लोकसभा के चुनाव में चुनाव आयोग का खर्च लगभग 6 हजार 500 करोड़ आया था. 1951 के पहली लोकसभा चुनाव में प्रति वोटर 60 पैसे का खर्च हुआ था, वहीं 2019 के लोकसभा चुनाव में ये आंकड़ा बढ़कर 72 रुपए प्रति वोटर तक पहुंच गया.
अनुसार आगामी लोकसभा चुनाव में कुल खर्च बढ़ कर 1.20 लाख करोड़ रुपये खर्च हो सकता है। अगर सभी राज्यों के विधानसभा चुनाव में साथ कराए जाएं तो कुल खर्च 3 लाख करोड़ होने का अनुमान है। देश में करीब 4,500 विधानसभा सीटें हैं।