भगवान श्रीकृष्ण के पास सुदर्शन चक्र जैसा अस्त्र था, जो काफी शक्तिशाली था. क्या आप जानते हैं कि सुदर्शन चक्र भगवान श्रीकृष्ण को कैसे मिला, अगर नहीं तो आइए जानते हैं कि भगवान श्रीकृष्ण को सुदर्शन चक्र किसने और क्यों दिया था.
जब भगवान श्रीकृष्ण ने कंस का वध कर दिया था तो मथुरा पर मगध के राजा जरासंध के आक्रमण बढ़ गए थे. मथुरा के शासक उस समय राजा उग्रसेन हो गए थे. इस पर भगवान श्रीकृष्ण को लगा कि उनके कारण पूरे मथुरा पर संकट आ गया है. इस कारण भगवान श्रीकृष्ण मथुरा छोड़कर चले गए.
पद्मावत राज्य में वेण्य नदी पर भगवान परशुराम का निवास था. भगवान श्रीकृष्ण ने उनसे मिलने के लिए दाऊ से परामर्श लिया. इसके बाद भगवान श्रीकृष्ण परशुराम से मिलने पहुंचे. आश्रम के द्वार पर परशुराम और संदीपनि भगवान श्रीकृष्ण और दाऊ के स्वागत के लिए खड़े थे. परशुराम ने श्रीकृष्ण से कहा कि आप गोमंतक पर्वत पर जाएं, वहां पर आपके लिए एक उपहार संभालकर रखा है. श्रीकृष्ण गोमांतक पर्वत पहुंचे और उसे पार करके सोमनाथ ज्योर्तिलिंग व उससे लगभग 32 किलोमीटर दूर कुशस्थली थी, वे वहां पहुंचे. यह जगह बाद में द्वारिका बनी.
एक दिन वहां पर परशुराम आए और उन्होंने मंत्र पढ़े. इसके बाद उनके पास एक 12 आरों वाला सुदर्शन चक्र आ गया. परशुराम ने उसे श्रीकृष्ण को दिया और इसकी दीक्षा भी उनको दी. सुदर्शन चक्र भगवान परशुराम ने दुष्टों का संहार करने के लिए भगवान श्रीकृष्ण को दिया था.
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