मेहंदीपुर बालाजी मंदिर से वापस आते समय भूलकर भी न करें ये काम, भुगतने पड़ सकते हैं भयंकर परिणाम

कलयुग के प्रधान देव हनुमान जी को माना गया है. उनका ही एक धाम राजस्थान के दौसा जिले में मेहंदीपुर बालाजी नाम से प्रसिद्ध है. मान्यता है कि यहां आने वाले व्यक्ति को भूत-प्रेत, ऊपरी बाधा, टोने-टोटकों से मुक्ति मिल जाती है. इसके साथ ही हर प्रकार की मनोकामना भी पूरी होती है. मान्यता है  कि मेहंदीपुर बालाजी मंदिर से लौटते समय कुछ कामों को नहीं करना चाहिए.इन कामों को करने से आपको नकारात्मक शक्तियों का सामना करना पड़ सकता है.

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कलयुग के प्रधान देव हनुमान जी को माना गया है. उनका ही एक धाम राजस्थान के दौसा जिले में मेहंदीपुर बालाजी नाम से प्रसिद्ध है. मान्यता है कि यहां आने वाले व्यक्ति को भूत-प्रेत, ऊपरी बाधा, टोने-टोटकों से मुक्ति मिल जाती है. इसके साथ ही हर प्रकार की मनोकामना भी पूरी होती है. मान्यता है  कि मेहंदीपुर बालाजी मंदिर से लौटते समय कुछ कामों को नहीं करना चाहिए.इन कामों को करने से आपको नकारात्मक शक्तियों का सामना करना पड़ सकता है. 

मान्यता के अनुसार, मेहंदीपुर बालाजी मंदिर से वापस आते समय कभी पलटकर नहीं देखना चाहिए. इसके साथ ही वहां से कोई भी सुगंधित वस्तु को अपने साथ नहीं लाना चाहिए.इस मंदिर में प्रेतराज सरकार, बालाजी और भैरव बाबा का मंदिर है. यहां नकारात्मक शक्तियों से मुक्ति पाने के लिए अर्जी लगाई जाती है. बालाजी मंदिर के ठीक सामन राम दरबार भी है. यहां से ऐसा प्रतीत होता है कि प्रभु श्रीराम का निरंतर दर्शन बालाजी महाराज कर रहे हों. 

बालाजी मंदिर से वापस आने के बाद 41 दिनों तक मांस-मदिरा का सेवन न करें और न ही प्याज-लहसुन खाएं. यहां से कोई भी खाने पीने का सामान या प्रसाद भी वापस न लाएं. इस मंदिर में अगर कोई आपको प्रसाद दे तो उसको बिल्कुल भी न खाएं. यहां सिर्फ मंदिर से मिला ही प्रसाद खाया जाता है. यहां से कोई भी सुगंधित सामान अपने साथ घर लेकर न जाएं. इससे नकारात्मक शक्तियां आपके सामने जा सकती हैं. मंदिर में आरती करते समय भी पीछे मुड़कर न देखें. 

Disclaimer : यहां दी गई सभी जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है.  theindiadaily.com  इन मान्यताओं और जानकारियों की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह ले लें.