यहां विराजते हैं धार के राजा, पालकी यात्रा में दिया जाता है 'गार्ड ऑफ ऑनर'
Dhareshwar Mahadev Mandir Dhar: मध्यप्रदेश के धार जिले में स्थित धारेश्वर महादेव मंदिर काफी प्राचीन है. यह पर स्थित शिवलिंग काले रंग के चमकीले पत्थर से बना हुआ है. सावन माह में हर वर्ष यहां पर भक्तों का तांता लगता है. मान्यता है कि यहां आने के बाद भक्तों बिगड़े हुए काम बनने लगते हैं. भोले बाबा के दरबार से कोई भी खाली हाथ आजतक वापस नहीं लौटा है. यहां पर चांदी की जलधारी आपको देखने मिलेगी. इस मंदिर का संचालन राजस्व व धर्मादा विभाग के आयुक्त के द्वारा किया जाता है. इसके स्थानीय प्रशासक कलेक्टर होते हैं.
Dhareshwar Mahadev Mandir Dhar: मध्यप्रदेश के धार जिले में स्थित धारेश्वर महादेव मंदिर काफी प्राचीन है. यह पर स्थित शिवलिंग काले रंग के चमकीले पत्थर से बना हुआ है. सावन माह में हर वर्ष यहां पर भक्तों का तांता लगता है. मान्यता है कि यहां आने के बाद भक्तों बिगड़े हुए काम बनने लगते हैं. भोले बाबा के दरबार से कोई भी खाली हाथ आजतक वापस नहीं लौटा है. यहां पर चांदी की जलधारी आपको देखने मिलेगी. इस मंदिर का संचालन राजस्व व धर्मादा विभाग के आयुक्त के द्वारा किया जाता है. इसके स्थानीय प्रशासक कलेक्टर होते हैं.
राजवंश काल से छबीना यानी पालकी यात्रा यहां पर निकाली जाती है. इस पालकी यात्रा को भाद्रपक्ष माह के दूसरे सोमवार को निकाला जाता है. इस दौरान धार के राजा धारेश्वर महादेव नगर का भ्रमण करते हैं और प्रजा का हाल जानते हैं. आज भी बाबा राजवंश की पालकी में विराजमान होते हैं. हजारों भक्त उत्साह से कंधे पर पालकी उठाकर प्रभु को भ्रमण कराते हैं. इस दौरान सशस्त्र बल द्वारा धार के राजा धारेश्वर महादेव को गार्ड ऑफ ऑनर दिया जाता है.
मान्यता है कि यहां पर राजाभोज राज्य के हर काम से पहले धारेश्वर महाराज का पूजन और दर्शन करते थे. इसके बाद ही अन्य कामों को करते थे. वे धारनाथ बाबा के दर्शन के लिए पैदल जाते थे. मान्यता है कि इस मंदिर का निर्माण राजा भोज के पूर्वजों ने कराया था. यहां 12 महीने रबड़ी का प्रसाद वितरित किया जाता है.