Devkinandan Maharaj Pravachan: अभिमान का मतलब है मैं या मेरे बारे में, जो व्यक्ति को अपने आप पर घमंड करने की भावना देता है. इस अभिमान के कारण इंसान बहुत कुछ खो देता है. जब किसी में अहंकार आ जाता है, तो उसकी सोचने-समझने की क्षमता कमजोर पड़ जाती है. अहंकार भरा जीवन अस्थायी होता है, लेकिन यह बहुत नुकसान कर जाता है. अहंकारी व्यक्ति को न केवल दूसरों से, बल्कि अपनों से भी दूरी बनानी पड़ती है. कहा जाता है कि अभिमान इंसान ही नहीं, देवताओं को भी नहीं बचा पाता. चलिए इस वीडियो में देवकीनंदन महाराज की मदद से जानते हैं जीवन में अभिमान करने से क्या-क्या परेशानी होती है.