menu-icon
India Daily

भारत में यहां बन रहा है दुनिया का सबसे बड़ा पावर प्लांट, जीरो पॉल्यूशन पर बनाएगा कई मेगावॉट बिजली

इस पावर प्लांट से 1000 मेगावाट स्वच्छ बिजली का उत्पादन शुरू हो चुका है. इस हाईब्रिड पावर प्रोजेक्ट की क्षमता 30000 मेगावाट होगी.

auth-image
Edited By: India Daily Live
Adani Green Energy Limited Khavda Power Plant

गौतम अडाणी ने ग्रीन एनर्जी (स्वच्छ ऊर्जा) के क्षेत्र में भारत को दुनिया का अग्रणी राष्ट्र बनाने का जिम्मा अपने कंधों पर ले लिया है. अपने इसी लक्ष्य को पूरा करने की दिशा में तेजी से कदम बढ़ाते हुए उनकी कंपनी अडाणी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड दुनिया का सबसे बड़ा रिन्यूएबल एनर्जी पावर प्लांट लगाने जा रही है. यह धरती पर ऊर्जा के स्रोत का सबसे बड़ा पावर प्लांट होगा. कहा जा रहा है कि इस पावर प्लांट का आकार पेरिस से पांच गुना ज्यादा है.

अडाणी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड गुजरात के कच्छ के खावड़ा में 538 वर्ग किमी क्षेत्र में बंजर भूमि पर 30 गीगावॉट रिन्यूएबल एनर्जी प्लांट विकसित कर रही है. इस परियोजना का आकार मुंबई के आकार जितना बड़ा है.

यह परियोजना दिसंबर 2022 में शुरू की गई थी और पहला उत्पादन 31 दिसंबर 2023 को किया गया था. अडाणी ग्रीन एनर्जी 2030 तक रिन्यूएबल एनर्जी और उत्पादन क्षमता में 1.5 लाख करोड़ और अडाणी समूह 2.3 लाख करोड़ रुपए का निवेश करेगा.

हाइब्रिड रिन्यूएबल प्रोजेक्ट है खावड़ा पावर प्लांट
खावड़ा में बनाया जा रहा अडाणी का यह पावर प्लांट हाइब्रिड रिन्यूएबल प्लांट है, जिसमें दिन में सोलर एनर्जी से ऊर्जा बनेगी और रात में पवन ऊर्जा से बिजली बनेगी. इसकी परिचालन क्षमता 2,000 MW सौर ऊर्जा है.

जब कंपनी से उसके लक्ष्यों को लेकर पूछा गया तो अडाणी ग्रीन एनर्जी के एमडी विनीत जैन ने बताया कि फिलहाल खावड़ा प्रोजेक्ट  पर 2GW बिजली का उत्पादन पूरा हो चुका है, वित्त वर्ष 2024-25 में हमारा लक्ष्य इसे बढ़ाकर 4GW से ज्यादा लेकर जाना है. वहीं मार्च 2025 तक इसे 6GW तक बढ़ाना है. इसके बाद कंपनी की योजना हर साल न्यूनतम 5GW का विस्तार देने की है.

खेवड़ा परियोजना स्थल पर अब तक 30 पवन टरबाइन स्थापित की जा चुकी हैं, इसके अलावा 50 पवन टरबाइनों की नींव पहले ही रखी जा चुकी है. इसके अलावा परियोजना स्थल पर 40 लाख सौर पैनल लगाए जा चुके हैं. कंपनी का लक्ष्य 2029 तक 7 करोड़ 50 लाख सौर पैनल स्थापित करने का है. वहीं कंपनी ने 2030 तक इस परियोजना से 45000MW ऊर्जा उत्पादन का लक्ष्य रखा है.