क्या फिर से इनकम टैक्स स्लैब में होगा बदलाव? वित्त मंत्री ने दिया खुश होने वाला जवाब
Niramala Sitharaman on Income Tax: इनकम टैक्स को लेकर भारत की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से एक टीवी कार्यक्रम के दौरान कई सवाल पूछे गए जिनका उन्होंने बेबाकी से जवाब भी दिया. इस दौरान उनसे इनकम टैक्स स्लैब और जीएसटी रेट को घटाने के सरकार के प्लान के बारे में भी पूछा गया. आइए एक नजर डालते हैं कि उन्होंने इन सवालों का क्या जवाब दिया.
Niramala Sitharaman on Income Tax: भारत में आम आदमी खास तौर से मिडिल क्लास के लिए टैक्स हमेशा से बड़ा मुद्दा रहा है. सरकार की तरफ से इस बार के बजट के दौरान टैक्स स्लैब में बदलाव जरूर किया गया लेकिन इससे मिडिल क्लास ज्यादा खुश नजर नहीं आया. इसको देखते हुए लगातार इनकम टैक्स में बदलाव कर उससे मिलनी वाली छूट को बढ़ाने की मांग होती रही है.
क्या कम हो सकता है इनकम टैक्स?
अब भारत की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से एक टीवी कार्यक्रम के दौरान इसी को लेकर सवाल किया गया जिसके जवाब में वित्त मंत्री ने कहा कि हम इनकम टैक्स को कम करने और इसे आसान बनाने के लिए लागातार काम कर रहे हैं. इस दिशा में हमने कई कदम उठाए हैं और इसे आसान करने का प्रयास आगे भी जारी रहेगा.
'क्या भविष्य में इनकम टैक्स रेट को कम किया जा सकता है?' इस सवाल पर सीतारमण ने कहा, ‘हम 2019 से ही डायरेक्ट टैक्स को आसान बनाने की कोशिश कर रहे हैं. टैक्स का बोझ कम हो सके इसी उद्देश्य को पूरा करने के लिए हम नया रिजीम लेकर आए. पुराने स्लैब के मुकाबले हमने इसकी दरें काफी कम रखीं. आज का टैक्सपेयर निवेश की प्लानिंग करता है. दो रिजीम होने के चलते लोगों के पास ज्यादा ऑप्शन हैं.'
लोगों को मिली टैक्स के बोझ से आजादी
इसी कार्यक्रम के दौरान वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने ये भी कहा कि उनकी सरकार ने टैक्स का बोझ कम करने के लिए स्टैंडर्ड डिडक्शन की लिमिट बढ़ाई है. उन्होंने दावा किया कि जुलाई में बजट पेश करने से पहले बहुत चर्चा की और मिडिल क्लास के लिए काफी काम किया. किसी भी तरह का रेट नहीं बढ़ाया, डिडक्शन घटाया तो लोगों पर टैक्स का बोझ कम हो गया है. नए रिजीम में काफी चीजों को आसान बना दिया है.
78 फीसदी लोगों को भाया नया रिजीम
वित्तमंत्री ने आगे दावा किया कि नए रिजीम को 5 सालों के अंदर 78 फीसदी टैक्स पेयर ने अपनाया है जो कि इसकी सफलता को दर्शाता है. नए टैक्स स्लैब के तहत अगर कोई व्यक्ति सालाना 7.75 लाख रुपए कमाता है तो उसे टैक्स नहीं देना पड़ता जबकि पुराने स्लैब में 5 लाख के बाद टैक्स शुरू हो जाता था. इसका फायदा मिडिल क्लास के साथ बड़ी इनकम वाले लोगों को भी मिल रहा है.
क्या जीएसटी रेट में भी होगा बदलाव
इस दौरान वित्तमंत्री से जीएसटी को लेकर भी सवाल किया गया कि कुछ देशों में जीएसटी पर एक रेट है तो कुछ में दो लेकिन हमारे यहां 5 रेट है, क्या इसे कम करने का कोई प्लान है. इस सवाल के जवाब में वित्तमंत्री ने कहा कि सरकार इस पर काम कर रही है. पहले ग्रुप ऑफ मिनिस्टर इस पर काम करेंगे और उसके बाद जीएसटी काउंसिल और दोनों के दिशानिर्देश में हम भविष्य की दिशा पर काम करेंगे.