Business News: कोटक महिंद्रा एएमसी के ग्रुप प्रेसीडेंट और मैनेजिंग डायरेक्टर नीलेश शाह ने कहा कि रेगुलेटर्स ने भारत में वित्तीय बाजारों को मजबूत करने के लिए अच्छा काम किया है. अब यह उनके द्वारा बनाए गए दुनिया के सबसे बढ़िया ढांचों में से एक दिखाई देता है. हालांकि उन्होंने आगे कहा कि अभी भारतीय बाजारों में और ज्यादा सुधार होने की गुंजाइश है.
अनमी के 13वें अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन 2024 में अपने विचार साझा करते हुए शाह ने कहा कि भारतीय लोगों को बचतकर्ता बनने के बजाय निवेशक बनने की जरूरत है.
'भारत में ज्यादातर लोग गरीब ही रहते हैं'
उन्होंने कहा, 'भारत के ज्यादातर लोग गरीब ही रहते हैं क्योंकि वे इन्फ्लेंशन (मुद्रास्फीति) की तुलना में कम रिटर्न पैदा कर रहे हैं.'
शाह ने कहा कि 18 करोड़ लोग क्रिप्टोकरेंसी में अपना पैसा लगा रहे हैं. उन्होंने आगे कहा कि फैंटेसी गेम्स (काल्पनिक खेल) खेलकर 10 करोड़ लोग अपना पैसा गंवा रहे हैं, पोंजी स्कीम्स में निवेश करने से लगभग 2 करोड़ भारतीयों को 2 लाख करोड़ से ज्यादा का नुकसान हुआ है. वहीं लगभग 89% भारतीय ट्रेडर F&O सेग्मेंट में पैसा लगाकर नुकसान उठा रहे हैं.
शाह ने यह भी कहा कि निवेशकों को शिक्षित करने की जरूरत है क्योंकि म्यूचुअल फंड और इक्विटी में प्रबंधन के तहत संपत्ति (AUM) की तुलना में करेंसी सर्कुलेशन अधिक है.
F&O सेग्मेंट में पैसा गंवा रहे 89 प्रतिशत भारतीय
गौरतलब है कि सेबी ने पिछले साल जनवरी में कहा था कि 2022 में F&O सेग्मेंट में पैसा लगाकर 89 प्रतिशत लोगों को घाटा हुआ है. उन्हें इस साल औसतन 1.1 लाख रुपए का घाटा हुआ है. सम्मेलन के दौरान बीएसई ने कहा कि कोरोना से पहले देश में लगभग 5 करोड़ निवेशक थे यह संख्या अब 14 करोड़ हो चुकी है. पिछले 3-4 सालों में निवेशकों की संख्या को बढ़ाने में तकनीक और नए जमाने के ब्रोकरेज ने अहम भूमिका निभाई है.