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Google अपने प्रॉफिट का 36 प्रतिशत हिस्सा Apple को क्यों देता हैं, जानें क्या है इसके पीछे की वजह

Google and Apple: Alphabet के सीईओ सुंदर पिचई ने मंगलवार को खुलासा किया कि गूगल सफारी सर्च इंजन से हुई कमाई का 36 फीसदी हिस्सा एप्पल को देता है.

Gyanendra Tiwari

Google and Apple:  गूगल. टेक की दुनिया की सबसे बड़ी कंपनी. इतनी बड़ी की अमेरिकी सरकार ने इसके मोनोपॉली के खिलाफ मुकदमा कर रखा है. गूगल की पैरेंट कंपनी अल्फाबेट है. Alphabet के सीईओ सुंदर पिचई ने मंगलवार को खुलासा किया कि गूगल सफारी सर्च इंजन से हुई कमाई का 36 फीसदी हिस्सा एप्पल को देता है. सुंदर पिचाई ने यह स्टेटमेंट गूगल बनाम एपिक गेम क्रिएटर के मुकदमे की गवाही के दौरान दिया है.
 

टेक सेक्टर में एग्रीमेंट
 

एपिग गेम के वकील के सवाल के जवाब में सुंदर पिचाई ने कोर्ट में गूगल के एक गवाह की एप्पल और गूगल के बीच हुए समझौते पर दिए बयान की पुष्टि की है. इससे यह साबित होता है कि मार्केट में अपनी पोजीशन बनाए रखने के लिए टेक सेक्टर दिग्गजों को कई तरह के एग्रीमेंट करने पड़ते हैं.  

एपिग गेम के वकील ने अल्फाबेट के सीईओ सुन्दर पिचई से पूछा कि गूगल, एप्पल को कितना पैसा दिया है तो पहले उन्होंने कहा कि 10 बिलियन. इसके जवाब में वकील ने कहा कि सही राशि 18 बिलियन डॉलर थी.

दरअसल, गूगल, एप्पल के सर्च इंजन सफाई पर भी अपने ऐड चलाता है. इसलिए इससे होने वाली कमाई का 36 फीसदी हिस्सा उसे एप्पल को देना पड़ता है. डिजिटल सेक्टर में एडवर्टाइजमेंट के लिए गूगल सबसे बड़ा खिलाड़ी है.
 

मोनोपोली का मुकदमा
 

आपको बता दें कि गूगल के खिलाफ अमेरिकी सरकार ने मोनोपोली का मुकदमा दर्ज कर रखा है. सरकार ने आरोप लगाया है कि सर्च की दुनिया में गूगल अपने प्रतिद्वंदियों को आगे बढ़ने का मौका ही नहीं देता है. एपिक गेम की मानें तो गूगल प्ले स्टोर पर एंड्राइड के लिए गूगल का अवैध रूप से प्रभुत्व बहुत अधिक है. जबकि गूगल इसे डिफेंड कर रही है.


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