Which Water Is Right For Battery: आज के जमाने में लोग एक मिनट भी बिजली के बिना रहना पसंद नहीं करते हैं. पावर कट होने पर लगातार बिजली आती रहे इसके लिए लोग अपने घरों में इन्वर्टर का इस्तेमाल करते हैं.
अब बात आती है इन्वर्टर की बैटरी की. वैसे तो इन्वर्टर बैटरी की लाइफ चार से पांच साल होती है लेकिन कुछ लोग इसकी सही से देखरेख नहीं कर पाते जिसके चलते बैटरी समय से पहले खराब हो जाती है, जिससे उन्हें भारी नुकसान उठाना पड़ता है.
आप सोच रहे होंगे की बैटरी की तो पांच साल की वॉरंटी होती है. पांच साल से पहले खराब होने पर उसे वापस भी किया जा सकता है.
आपका सोचना ठीक है लेकिन होता क्या है कि जरूरी नहीं की बैटरी वॉरंटी पीरियड में पूरी तरह से खराब ही हो जाए, लेकिन अगर आप ने उसका ठीक से रखरखाव नहीं किया बैटरी का बैकअप खराब हो जाता है. इसलिए उस बैटरी का रखरखाव जरूरी है.
रखरखाव के लिहाज से बैटरी में केवल उसका पानी ही सबसे जरूरी पदार्थ होता है. हमें बैटरी के पानी को नियमित तौर पर चैक करने और एक सही पीएच लेवल के पानी की जरूरत होती है.
इन्वर्टर की बैटरी में पानी डालने के काम को लोग बेहद हल्क में लेते हैं, लेकिन वो भूल जाते हैं कि अगर बैटरी में पानी तय लेवल से कम या ज्यादा हो जाए तो बैटरी समय से पहले खराब हो सकती है. इसलिए बैटरी में पानी भरने से पहले आपको पहले चेक कर लेना चाहिए कि बैटरी में पहले से कितना पानी मौजूद है.
कभी-कभी लोगों को अंदाजा नहीं लग पाता कि बैटरी में कितना पानी मौजूद है और जब वे उसमें पानी डालते हैं तो पानी ओवरफ्लो हो जाता है. यह बैटरी के लिए काफी घातक होता है. इससे ना केवल इन्वर्टर को नुकसान पहुंचता है बल्कि बैटरी की पावर भी कम हो जाती है. क्योंकि पानी के ओवरफ्लो करने से बैटरी में मौजूद एसिड बाहर निकल जाता है और बैटरी खराब होने लगती है.
बैटरी की लंबी लाइफ के लिए आपको हमेशा डिस्टिल्ड वाटर का इस्तेमाल करना चाहिए. ऐसा इसलिए क्योंकि डिस्टिल्ड वाटर का पीएच लेवल कम होता है. कम पीएच का वाटर बैटरी के लिए अच्छा माना जाता है.
जैसे की हमने बताया कि हमें बैटरी में कम पीएच वैल्यू वाला पानी इस्तेमाल करना चाहिए. जब पीएच वैल्यू 7 से ज्यादा हो जाती है तो सॉल्यूशन एल्काइन हो जाता है जबकि पीएच वैल्यू कम होने पर पानी एसिडिक रहता है और हमें बैटरी में एसिडिक वाटर का ही इस्तेमाल करना चाहिए. एसी से निकलने वाले पानी का पीएच 7 से ज्यादा होता है यानी वह एल्काइन होता है इसलिए वह बैटरी को नुकसान पहुंचा सकता है.
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