नई दिल्ली. भारत विश्व की उभरती हुई पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है. वैश्विक स्तर पर देश नए-नए कीर्तिमान स्थापित कर रहा है. टेक और पेमेंट की दुनिया में भी भारत अंतरराष्ट्रीय बजार में अपना डंका बज रहा है. डिजिटल पेमेंट की तो बात ही न करिए. यूपीआई (Unified Payment Interface) कई देशों की पहली पसंद बन चुका है. UPI से कई विदेशी कंपनियां खुन्नस खाए हुए हैं. विदेशी सरजमी पर इसका जलवा बरकरार है.
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हाल ही में भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने यूपीआई पेमेंट के आंकड़े जारी किए थे. इन आकड़ों में पाया गया कि डिजिटल पेमेंट में मार्च में 13.24 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी हुई है. दुनिया के कई देशों में आज यूपीआई के जरिए ट्रांजैक्शन किए जा रहे हैं. रिपोर्ट में बताया गया कि आने वाले 5 वर्षों में देश में होने वाले डिजिटल पेमेंट का आंकड़ा 90 फीसदी को पार कर जाएगा. विदेशी पेमेंट कंपनियों के लिए भारत का यूपीआई एक तरह से काल बन गया है. यूपीआई आने के बाद कई पेमेंट कंपनियों का मुनाफा कम हो गया है. ऐसे में उनके लिए टेंशन की बात तो है ही.
किन देशों में यूपीआई?
फ्रांस, दुबई, सिंगापुर समेंत दुनिया के कई देशों में यूपीआई के इस्तेमाल की मंजूरी मिली है. यानि अब आप अगर कई देशों में यूपीआई के जरिए पेमेंट कर सकते हैं.
➤फ्रांस
➤भूटान
➤नेपाल
➤ओमान
➤संयुक्त अरब अमीरात
➤मलेशिया
➤सिंगापुर
➤कंबोडिया
➤हांगकांग
➤ताइवान
➤थाईलैंड
➤फिलिपींस
➤वियतनाम
➤दक्षिण कोरिया
➤जापान
➤यूनाइटेड किंगडम
उपयुक्त देशों ने भारतीय यूपीआई के इस्तेमाल की मंजूरी दे दी है. कई देशों में इसकी शुरुआत हो चुकी है. और देशों में शूरू करने पर काम चल रहा है. विदेशों में यूपीआई के इस्तेमाल से न सिर्फ भारतीयों को सुविधा होगी बल्कि भारत की अर्थव्यस्था मजबूत होगी. अगर आप विदेश घूमने जाते हैं तो आपको करेंसी एक्सचेंज करने की जरूरत नहीं पड़ेगी. आप आसानी से यूपीआई के जरिए पेमेंट कर सकते हैं. आने वाले दिनों में भारत का यूपीआई विश्व के अन्य देशों में भी अपनी धाक जमाएगा.
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