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शेयर बाजार में लगाते हैं पैसा तो जान लीजिए Modi 3.0 का किन सेक्टरों पर रहेगा फोकस

जुलाई के मध्य में मोदी सरकार पूर्णकालिक बजट पेश करने जा रही है. इस बार के बजट में महिला, किसान, गरीबों, मछुआरों और छोट व्यापारियों के लिए बड़े ऐलान किये जा सकते हैं. इसके अलावा इस बार सरकार का फोकस नई नौकरियां सृजित करने लोगों को सस्ते मकान मुहैया कराने पर होगा.

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Edited By: India Daily Live
priorities of Modi government
Courtesy: social media

शेयर बाजार में उछाल और गिरावट काफी हद तक सरकार की आर्थिक नीतियों पर निर्भर करती है. यही वजह है कि नई सरकार बनने या बजट की घोषणाओं के बाद शेयर बाजार में भारी उतार-चढ़ाव देखेने को मिलता है. अगले महीने मोदी सरकार का पूर्णकालिक बजट पेश होने जा रहा है. सरकार बनते ही प्रधानमंत्री मोदी ने पीएम आवास योजना के तहत 3 करोड़ नए घर बनाए जाने की घोषणा कर दी थी. बजट में इस बार क्या घोषणाएं होंगी. किन सेक्टरों पर सरकार का सबसे ज्यादा फोकस रह सकता है आइए जानते हैं...

किसान, महिला,युवाओं लिए हो सकते हैं बड़े ऐलान

इस बार के बजट में मोदी सरकार गरीब, महिलाओं, युवा, किसान, वरिष्ठ नागरिकों, किसान, मछुआरों, श्रमिकों, एमएसएमई, छोटे व्यापारियों और कारीगरों के लिए बड़े ऐलान कर सकती है. सूत्रों के मुताबिक, मोदी सरकार ने अपने घोषणापत्र में समाज के इन वर्गों को समर्थन देने का वादा किया था.

मध्यम वर्ग के लिए नौकरियां और घर
मध्यम वर्ग के लिए नौकरियां और आवास मोदी 3.0 की प्रमुख प्राथमिकता होगी. सरकार पहले ही पीएम अवास योजना के तहत 3 करोड़ घर बनाने का ऐलान कर चुकी है. इसके अलावा सरकार मध्यम वर्ग के लिए अधिक औपचारिक और कुशल नौकरियां सृजित करना चाहती है. वर्तमान में हर साल 1.5 करोड़ औपचारिक नौकरियां सृजित की जा रही हैं.

रेलवे
सूत्रों के मुताबिक, सरकार का 2030-31 तक 3000 और नई ट्रेनों को पटरी पर उतारने का लक्ष्य है. ऐसे में सरकार रेलवे सेक्टर के लिए भी बड़ी घोषणा कर सकती है.

डिजिटल इकोनॉमी
सूत्रों के मुताबिक, सरकार डिजिटल अर्थव्यवस्था के लिए एक उपयुक्त निगरानी ढांचे पर काम कर रही है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, सरकार जल्द ही डेटा प्रोटेक्शन बिल लागू कर सकती है. डेटा प्रोटेक्शन बिल पर सरकार जल्द ही उद्योग जगत के लोगों से बात करेगी. इसके अलावा सरकार डिजिटल इंडिया बिल लाने का भी विचार कर रही है.

आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस
सरकार पिछले कुछ महीनों से लगातार आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस को लेकर हितधारकों से परामर्श कर रही है. सूत्रों के मुताबिक, परामर्श के पूरा होते ही AI के रेग्यूलेशन के लिए बिल लाया जा सकता है. सूतों की मानें तो मोदी सरकार AI के गलत इस्तेमाल जैसे डीपफेक को लेकर गंभीर रूप से चिंतित है.