पहली बार कर रहे हैं शेयर बाजार में निवेश, पहले इन जोखिमों को जान लीजिए
बीते कुछ सालों में शेयर बाजार भारत में निवेश का एक आकर्षक विकल्प बन कर उभरा है. कम समय में ज्यादा रिटर्न पाने के लिए शेयर बाजार में निवेश करना एक बेहतर विकल्प है लेकिन इसके साथ भारी जोखिम भी जुड़ा हुआ है.
वित्त वर्ष 2015 के बाद से भारत में शेयर बाजार के निवेशकों की संख्या में भारी वृद्धि देखी गई है. नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) के लेटेस्ट डेटा के मुताबिक 31 जनवरी 2024 तक भातर में शेयर बाजार के 87 मिलियन निवेशक थे, जबकि मार्च 2015 के अंत तक भारत में केवल 17.9 मिलियन निवेशक थे. यानी तब से लेकर अब तक भारत में शेयर बाजार के निवेशकों की संख्या में 389 प्रतिशत का उछाल आया है. जोखिम लेकर कम समय में ज्यादा रिटर्न कमाने की चाहत रखने वाले लोगों के लिए शेयर बाजार निवेश का एक आकर्षक विकल्प बनता जा रहा है.
बेहतर रिटर्न के साथ शेयर बाजार में निवेश करना एक बेहद जोखिम भरा काम भी है. अगर आप भी शेयर बाजार में निवेश करने की योजना बना रहे हैं तो आपको निम्न बातों का विशेष रूप से ध्यान रखना चाहिए...
1. तय करें अपना फाइनेंशिल गोल
शेयर बाजार में निवेश करने से पहले अपना वित्तीय लक्ष्य तय करना जरूरी है. आप अपना पैसा कहां, कब और क्यों लगाना चाहते हैं? कितना पैसा बचाना चाहते हैं...इन बातों पर विचार किये बिना निवेश करना व्यर्थ और जोखिम भरा हो सकता है.
वित्तीय लक्ष्य आपको यह तय करने में मदद करते हैं कि आपको कितने समय तक और कितना पैसा निवेश करने की जरूरत है. रणनीति बनाकर निवेश करने आप बेहतर रिटर्न प्राप्त कर सकते हो.
2. किस प्रकार के निवेशक हैं आप
निवेश से पहले विचार करें कि आप किस प्रकार के निवेश हैं. शेयर बाजार में दो तरह के निवेशक होते हैं
A. वेल्यू इन्वेस्टर (Value Investors)
वेल्यू इन्वेस्टर या मूल्य निवेशक वो निवेशक होते हैं जो कंपनी के काम के आधार पर उनकी कीमत आंकते हैं और उनका काम और उनके भविष्य को देखकर ही उनमें निवेश करते हैं.
ये निवेशक हमेशा अच्छे फंडामेंटल वाली कंपनियों में निवेश करते हैं, क्योंकि अच्छे फंडामेंटल वाली कंपनियां भविष्य में अच्छा रिटर्न देने का माद्दा रखती हैं. आसान भाषा में कहें तो ये निवेशक चूहा दौड़ में शामिल नहीं होते और कंपनी की अच्छी तरह से जांच परख करने के बाद ही उसमें निवेश करते हैं.
B. विकास निवेशक (Growth Investor)
इस तरह के निवेशक चूहा दौड़ में शामिल होते हैं. ये निवेशक खबर और कंपनी के शेयर की रफ्तार देखकर या टिप्स के आधार पर निवेश करते हैं. ऐसे निवेशकों के साथ जोखिम अधिक होता है.
ये निवेशक बिना फंडामेंटल चेक किये ज्यादा रिटर्न पाने के चक्कर में ऐसी कंपनियों में निवेश कर देते हैं जिनकी स्थिति बेहद खराब होती है. ऐसे निवेशक ट्रैप में फंस जाते हैं और कभी कभार अपनी मूल राशि भी खो देते हैं.
3. जोखिम उठाने की क्षमता पहचानें
शेयर बाजार में निवेश से पहले अपनी जोखिम लेने की क्षमता पहचानें. निवेश करने से पहले अपनी रिस्क लेने की क्षमता पहचानने से आपको यह समझने में मदद मिलेगी कि आप किस प्रकार की वित्तीय कंपनियों में निवेश करना चाहते हैं.
4. उम्र का रखें ध्यान
वैसे तो आप किसी भी उम्र में निवेश कर सकते हैं लेकिन शेयर बाजार में निवेश करने से पहले आपको आपकी उम्र की समझ होना जरूरी है. अगर आप यंग है तो आप ज्यादा जोखिम उठा सकते हैं लेकिन ज्यादा उम्र होने पर आपको अपने पैसे को सोच समझ कर निवेश करना चाहिए. ज्यादा उम्र में आपको शेयर बाजार में सीधे निवेश करने से बचना चाहिए. आप म्यूचुअल फंड के माध्यम से निवेश का विकल्प चुन सकते हैं.
5. ट्रेडर और इन्वेस्टर क्या हैं आप?
शेयर बाजार में एंट्री करने से पहले आपको यह स्पष्ट होना चाहिए कि आप ट्रेडिंग करने जा रहे हैं या निवेश. और अगर निवेश करने जा रहे हैं तो आपकी समय सीमा क्या है. ऐसा कर आप बेहतर रिटर्न पाने की रणनीति पर काम कर सकेंगे. निवेश लंबे समय के लिए होता है और इसमें जोखिम कम होता है जबकि ट्रेडिंग कम समय के लिए होती है और इसमें भारी जोखिम होता हैं. सही रणनीति फॉलो कर ट्रेडर निवेश की तुलना में ज्यादा रिटर्न कमा सकता है.