What is the Blue Economy: मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का आखिरी बजट पेश हो चुका है. बीते कल (1 फरवरी) को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अंतरिम बजट पेश किया. इस बजट में महिलाओं को लेकर बड़ी घोषणाएं की गई साथ ही साथ ही साथ शिक्षा को लेकर भी कई बातें कही गई. लेकिन इन सबके अलावा वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण में ब्लू इकोनॉमी पर जोर दिया है. अब ये है क्या? ब्लू इकोनॉमी को लेकर कौन सी योजनाएं चल रही हैं. वित्त मंत्री ने बजट में इसे लेकर क्या कहा? आइए समझते हैं.
ब्लू इकोनॉमी (Blue Economy in Hindi) को आसान भाषा में समझे तो पानी से होने वाली कमाई. समुद्र नीला होता है. इसलिए इसे ब्लू इकोनॉमी कहते हैं. देश के आर्थिक विकास में विकास, परिवहन सेवाओं, अन्वेषण, आजीविका उद्देश्यों आदि के लिए समुद्री संसाधनों का उपयोग करना ही नीली अर्थव्यवस्था कहलाता है. पर्यटन, मछली पकड़ने का क्षेत्र, परिवहन और शिपिंग, तेल और गैस अन्वेषण समेता आदि व्यापार ब्लू इकोनॉमी के अंतर्गत आते हैं.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 1 फरवरी को बजट पेश करते हुए नीली अर्थव्यवस्था (Blue Economy) पर जोर देते हुए उससे उत्पन्न होने वाले रोजगार के बारे में बताया और इससे देश की आर्थिक तेजी को कैसे बढ़ावा मिलेगा इसके बारे में भी बताया. वित्त मंत्री ने ब्लू इकोनॉमी के लिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्त वर्ष 2024-25 के लिए 2,352 करोड़ रुपए आवंटित किए. पिछले साल ब्लू रिवोल्यूशन के लिए 2,025 करोड़ रुपए आवंटित किए गए थे. यानी सीधा 327 करोड़ रुपये बढ़ गया.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना को मजबूती के साथ बढ़ावा दिया जाएगा. उन्होंने बताया कि जल कृषि उत्पादकता (Aquaculture Productivity) को 3 टन से बढ़ाकर 5 टन किया जाएगा. इसके साथ ही निर्यात को बढ़ाकर 1 लाख करोड़ तक ले जाने की कोशिश रहेगी. मत्स्य संपदा योजना से करीब 55 लाख से अधिक नए रोजगार पैदा होंगे. इसके साथ ही बजट में वित्त मंत्री ने 5 एक्वा पार्क (Water Park) बनाने की घोषणा भी की.