तिरंगे के साथ भूलकर भी न करें ये गलतियां, खानी पड़ सकती है जेल की हवा
15 अगस्त या फिर 26 जनवरी को लोग तिंरगे को फहराते हैं या फिर छोटा तिरंगा खरीद लेते हैं. इसके बाद वे उसको कहीं भी फेंक देते हैं, जो कि दंडनीय अपराध है.
नई दिल्ली. 15 अगस्त को हम स्वतंत्रता दिवस मनाते हैं और 26 जनवरी को हम गणतंत्र दिवस को सेलिब्रेट करते हैं. इन दोनों ही दिन हम अपने राष्ट्रीय ध्वज तिरंगे का सम्मान करते हैं, इसके साथ इस ध्वज को फहराया भी जाता है. वहीं, कुछ लोग इस दिन बाजार से छोटे-छोटे तिरंगे खरीद लेते हैं और स्वतंत्रता दिवस या गणतंत्र दिवस के बाद ध्वज को इधर-उधर फेंक देते हैं. यह काफी बड़ा अपराध है. इससे आपको जेल की हवा भी खानी पड़ सकती है. तिरंगा सभी भारतीयों की शान है. इसके साथ ही यह देश का राष्ट्रीय ध्वज है. इसको फहराने से लेकर उतारने तक के कई सारे नियम हैं,जिनको हर उस व्यक्ति को फॉलो करना चाहिए, जो तिंरगे को फहराता है.
कौन फहरा सकता है तिरंगा
26 जनवरी 2002 के फ्लैग कोड के नियम 2.2 के अनुसार कोई भी व्यक्ति, संस्था, शैक्षणिक संस्थान, निजी और सरकारी संस्थान राष्ट्रीय ध्वज को सम्मान के साथ किसी भी दिन और किसी भी अवसर पर फहरा सकते हैं. भारतीय फ्लैग हाथ से काते गए, हाथ से बुने गए ऊनी, पॉलिस्टर, सूती, सिल्क या फिर खादी के कपड़े से बना होना चाहिए. झंडे की लंबाई और चौड़ाई का अनुपात 3:2 ही होना चाहिए. इससे पहले मशीन से और पॉलिस्टर से बने राष्ट्रीय ध्वज की अनुमति नहीं थी.
कटा-फटा नहीं होना चाहिए राष्ट्रीय ध्वज
राष्ट्रीय ध्वज में किसी भी तरह की तस्वीर, पेंटिंग या फोटोग्राफ का इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए. जहां पर तिरंगा फहराया जाता है, वहां यह सबसे ऊपर होना चाहिए. इसके साथ लगा कोई और झंडा इससे ऊपर नहीं होना चाहिए. इसके साथ ही जिस खंभे पर तिरंगा फहराया गया हो, उस पर कोई विज्ञापन भी नहीं होना चाहिए. राष्ट्रीय ध्वज का उपयोग व्यावसायिक प्रयोजनों के लिए नहीं किया जा सकता है. इसके साथ ही फटा- मैला झंडा नहीं फहराया जा सकता है. राष्ट्रीय ध्वज के साथ किसी प्रकार भी प्रकार की छेड़छाड़ नहीं होनी चाहिए. इसके साथ ही यह झुका हुआ भी न हो. इसके साथ ही जमीन या पानी पर न पड़ा हो.
घर पर लगा सकते हैं तिरंगा
20 जुलाई 2022 के संशोधन के बाद से ध्वज को कोई भी नागरिक अपने घर पर लगा सकता है. वहां इसे दिन-रात में फहराया जा सकता है. जबकि पहले तिरंगे को सिर्फ सू्र्योदय से सूर्यास्त तक ही फहराने की अनुमति थी.
अपमान करने पर हो सकती है सजा
अगर कोई व्यक्ति राष्ट्रीय ध्वज का अपमान करता है या दूषित अथवा जलाता, कुचलता और नियम विरूद्ध कार्य करता है तो उसे 3 साल की जेल या जुर्माना हो सकता है. इसके अलावा व्यक्ति को दोनों प्रकार से दंडित किया जा सकता है.