menu-icon
India Daily

महाकुंभ श्रद्धालुओं के लिए बड़ी राहत, भारतीय रेलवे ने शुरू की स्पेशल वंदे भारत ट्रेन, यहां देखें टाइम और डेट

महाकुंभ मेला 2025 के मद्देनजर भारतीय रेलवे ने दिल्ली और वाराणसी के बीच विशेष वंदे भारत ट्रेन चलाने की घोषणा की है. यह ट्रेन 15, 16 और 17 फरवरी को सुबह 5:30 बजे दिल्ली से रवाना होकर प्रयागराज जंक्शन पहुंचेगी और फिर वाराणसी के लिए जाएगी, जहां 2:40 बजे पहुंचेगी.

auth-image
Edited By: Princy Sharma
Vande Bharat train to Prayagraj
Courtesy: Twitter

Vande Bharat train to Prayagraj: महाकुंभ मेला 2025 के दौरान लाखों श्रद्धालु प्रयागराज पहुंचने के लिए जुट रहे हैं और इसे ध्यान में रखते हुए भारतीय रेलवे ने एक बड़ी घोषणा की है. अब श्रद्धालुओं के लिए दिल्ली और वाराणसी के बीच एक विशेष वंदे भारत ट्रेन चलाई जाएगी. यह ट्रेन कल से यानी 15 फरवरी से चलने लगेगी और यात्री आसानी से अपनी सीटों की बुकिंग कर सकेंगे.

रेलवे द्वारा दी गई आधिकारिक जानकारी के अनुसार, यह विशेष वंदे भारत ट्रेन दिल्ली से 15, 16 और 17 फरवरी को सुबह 5:30 बजे रवाना होगी. यह ट्रेन दिल्ली से निकलकर गाजियाबाद, चिपियाना बुजुर्ग और कानपुर सेंट्रल होते हुए प्रयागराज जंक्शन पहुंचेगी. प्रयागराज में ट्रेन का 12 बजे पहुंचने का समय है. यहां पर पांच मिनट के लिए स्टॉपेज होगा और फिर यह ट्रेन वाराणसी के लिए रवाना होगी. यह ट्रेन वाराणसी दोपहर 2:40 बजे पहुंचेगी.

ट्रेन का समय

वहीं, यह ट्रेन वाराणसी से 3:15 बजे चलेगी और 5:20 बजे प्रयागराज जंक्शन पहुंचेगी. इसके बाद यह रात 11:50 बजे दिल्ली वापस पहुंचेगी. इस ट्रेन को चलाने का उद्देश्य महाकुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं को बेहतर यातायात सुविधा प्रदान करना है.

महाकुंभ में 50 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने लिया पवित्र स्नान

महाकुंभ मेला 2025 में श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा है. शुक्रवार शाम तक 50 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालुओं ने त्रिवेणी संगम में पवित्र डुबकी लगाई है. यह आंकड़ा किसी भी धार्मिक, सांस्कृतिक या सामाजिक आयोजन में अब तक का सबसे बड़ा मेला है. उत्तर प्रदेश सरकार के अनुसार, शुक्रवार तक अकेले 92 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने स्नान किया था, जिससे महाकुंभ मेला का कुल footfall 50 करोड़ से पार हो चुका है.

महाकुंभ मेला की अंतिम तारीख

महाकुंभ मेला 13 जनवरी से शुरू हुआ था और यह 26 फरवरी तक चलेगा. यह मेला गंगा, यमुन और मिथक सरस्वती नदियों के संगम पर आयोजित किया जा रहा है, जिसे हिंदू धर्म में बेहद पवित्र माना जाता है. इस वर्ष के महाकुंभ में इतनी बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के पहुंचने से यह आयोजन इतिहास में एक नई मिसाल कायम कर रहा है.