Union Budget 2024: वित्त मंत्री निर्माला सीतारमण 1 फरवरी 2024 के केंद्र सरकार का बजट पेश करेंगीं. यानी अब बजट पेश होने में दो महीने से भी कम वक्त बचा है. चूकिं अगले साल देश में लोकसभा का चुनाव है, इसलिए यह मोदी सरकार का अंतरिम बजट भी होगा. ऐसे में आईए जानें यूनियन बजट से जुड़ी कुछ दिलचस्प बातें...
सबसे ज्यादा बजट पेश करने का रिकॉर्ड किसके नाम
पूर्व प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई ने अब तक सबसे ज्यादा बार बजट पेश किया है. देसाई 1962 से 1969 तक फाइनेंस मिनिस्टर रहे थे. इस दौरान उन्होंने 10 बार यूनियन बजट पेश किया था.
कांग्रेस नेता पी चिदंबरम दूसरे सबसे ज्यादा बजट पेश करने वाले व्यक्ति हैं. उन्होंने 9 बार यह कारनामा किया था. इस मामले में तीसरे नंबर पर प्रणव मुखर्जी (8 बार) रहे. यशवंत सिन्हा ने भी आठ बार बजट पेश किया था. वहीं निर्मला सीतारमण अब तक 5 बार बजट पेश कर चुकी हैं.
जब बदल दिया गया बजट पेश करने का समय और दिन
एक समय था जब बजट फरवरी की आखिरी तारीख को शाम 5 बजे पेश किया जाता था. यह परंपरा अंग्रेजों के जमाने से चली आ रही थी. इस परंपरा को बदलने का श्रेय यशवंत सिन्हा को जाता है. सिन्हा वाजपेयी सरकार में वित्त मंत्री थे. 1999 में उन्होंने बजट को शाम 5 बजे पेश करने के बजाय दोपहर 11 बजे कर दिया. तब से अभी तक बजट 11 बजे ही पेश होता है.
इसके बाद इसकी तारीख में भी बदलाव किया गया, जिसका क्रेडिट अरुण जेटली को जाता है. वित्त मंत्री रहते अरुण जेटली ने फरवरी की अंतिम तारीख के बजाय 1 फरवरी को बजट पेश करने की शुरुआत की.
रेल बजट कब बना यूनियन बजट का हिस्सा
पहले रेल का बजट अलग पेश किया जाता था, इस बजट को रेल मंत्री पेश करता था. इस बजट में रेलवे की आय और व्यय का ब्यौरा होता था. इस बजट को यूनियन बजट से एक दिन पहले पेश किया जाता था. साल 2016 में मोदी सरकार बनने के बाद यह परंपर बदल दी गई. तत्कालीन वित्त मंत्री अरुण जेटली ने अंग्रेजों के जमाने से चली आ रही इस परंपरा को खत्म करते हुए रेल बजट को यूनियन बजट का ही हिस्सा बना दिया.
बजट डॉक्युमेंट रखने के लिए ब्रीफकेस का इस्तेमाल कब बंद हुआ
बजट के दस्तावेज रखने के लिए वित्तमंत्री पहले एक ब्रीफकेस का इस्तेमाल करते थे और इस ब्रीफकेस को साथ लेकर ही संसद पहुंचते थे. हालांकि साल 2019 में यह परंपरा बंद हो गई. वर्तमान वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण को इस परंपरा को बदलने का क्रेडिट जाता है. वह 2019 में पारंपरिक बहीखाता लेकर संसद पहुंची थीं. उसके बाद उन्होंने 2021 में बजट को पेपललेस फॉर्म में पेश करना शुरू किया. 1 जनवरी 2021 में उन्होंने पहली बार डिजिटल फॉरमैट में बजट पेश किया. उसके बाद से बजट डिजिटल फॉर्म में ही पेश किया जाता है.