Throwing Water Balloons Rules: होली का त्यौहार नजदीक है और इस मौके पर लोग रंगों में रंगने के लिए उत्साहित रहते हैं. घरों में, मोहल्लों में और सड़कों पर लोग एक दूसरे पर रंग फेंकते हैं और पिचकारियों से रंग लगाते हैं. लेकिन जब बात आती है पानी के गुब्बारे (बैलबून) से रंग फेंकने की, तो यह मज़ा भारी पड़ सकता है. जानिए इस पर क्या हैं नियम और इसके क्या कानूनी परिणाम हो सकते हैं.
होली के इस खुशियों के त्यौहार में पानी के बैलून से रंग फेंकने की मस्ती कई बार गलत समझी जा सकती है और इसका कानूनी परिणाम हो सकता है. इसलिए, यह जरूरी है कि हम दूसरों की सुरक्षा और सम्मान का ध्यान रखते हुए इस त्यौहार को मनाएं.
होली के दौरान पानी के गुब्बारे फेंकने का काम अक्सर मस्ती के तौर पर किया जाता है, लेकिन यह कानून की नजरों में अपराध हो सकता है. अगर किसी ने जानबूझकर किसी पर पानी का गुब्बारा फेंका और उसकी वजह से चोट या परेशानी हुई, तो उस पर गंभीर कार्रवाई हो सकती है. बीएनएस की धारा 120 (1) के तहत केस दर्ज हो सकता है और इस अपराध में आरोपी को एक साल तक की सजा हो सकती है, साथ ही 10,000 रुपये तक का जुर्माना भी लगाया जा सकता है.
इसके अलावा, यदि किसी ने सार्वजनिक जगह पर पानी के बैलून से उपद्रव किया और किसी को असुविधा या चोट पहुँचाई, तो बीएनएस की धारा 270, 292 और 293 के तहत भी कार्रवाई की जा सकती है. इन धाराओं के तहत आरोपियों को 1,000 रुपये तक जुर्माना हो सकता है, साथ ही सार्वजनिक उपद्रव फैलाने के कारण गंभीर परिणाम हो सकते हैं.
अगर किसी ने महिला पर पानी का गुब्बारा फेंका, तो यह और भी गंभीर हो सकता है. महिला द्वारा शिकायत किए जाने पर बीएनएस की धारा 74 के तहत उस व्यक्ति पर केस दर्ज किया जा सकता है. इस धारा के तहत महिला की शालीनता और नैतिकता का उल्लंघन करने का आरोप लगता है. इस मामले में आरोपियों को 1 साल की सजा हो सकती है, जिसे बढ़ाकर 5 साल तक भी किया जा सकता है.