बजट में OPS की बहाली और महिलाओं को लेकर हो सकते हैं बड़े ऐलान? जानें क्या बोले अर्थशास्त्री
पंजाब, राजस्थान और हिमाचल समेत कुछ गैर बीजेपी शासित राज्यों ओपीएस को बहाल किया गया है, जिसके चलते बीजेपी शासित राज्यों में भी ओपीएस बहाली की मांग होने लगी है.
Budget 2024: वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी को अंतरिम बजट पेश करेंगीं. चुनावी साल होने के कारण कुछ लोग बजट के लोक लुभावन होने का अनुमान जता रहे हैं लेकिन पिछले बजट के रिस्पॉस को देखते हुए इस बार लोकलुभावन बजट की संभावना कम ही दिखाई दे रही है. देश के अर्थशास्त्रियों ने यही उम्मीद जताई है.
'ओपीएस बहाली के आसार नहीं'
हालांकि उनका यह भी कहना है कि देशभर में पुरानी पेंशन योजना (OPS) को बहाल करने की मांग चल रही है लेकिन रकार OPS को बहाल करने के स्थान पर NPS को लेकर कुछ आकर्षक घोषणाएं कर सकती है. इसके अलावा सरकार बजट में महिलाओं के लिए भी कुछ अलग से छूट दे सकती है. अर्थशात्रियों का यह भी कहना है कि इस बजट में नौकरीपेशा और मध्यम वर्ग को राहत मिलने की संभावना है.
'लोकलुभावन घोषणाओं से बचेगी सरकार'
जाने-माने अर्थशास्त्री और वर्तमान में बेंगलुरु स्तित डॉ. बी आर आंबेडकर स्कूल ऑफ इकनॉमिक्स यूनिवर्सिटी के कुलपति एन आर भानुमूर्ति ने कहा कि सरकार के पिछले रुख को देखते हुए आगामी अंतरिम बजट में लोकलुभावन घोषणाएं होने की संभावना कम ही हैं. उन्होंने कहा कि सरकार ओपीएस को राजनीतिक मुद्दा बनने देखते हुए एनपीएस को आकर्षक बनाने के लिए कुछ अच्छी घोषणाएं कर सकती है.
देश के कुछ राज्यों में बहाल हुई ओपीएस
बता दें कि पंजाब, राजस्थान और हिमाचल समेत कुछ गैर बीजेपी शासित राज्यों ओपीएस को बहाल किया गया है, जिसके चलते बीजेपी शासित राज्यों में भी ओपीएस बहाली की मांग होने लगी है, लेकिन सरकार ओपीएस की बहाली के कतई पक्ष में नहीं है. एनपीएस की समीक्षा और उसमें सुधार के लिए सरकार ने वित्त सचिव टी वी सोमनाथन की अध्यक्षता में पिछले साल अप्रैल में एक कमिटी गठित की थी, यह कमिटी इस महीने के अंत में अपनी रिपोर्ट देगी.
'सरकार ने किया राजकोषीय नीतियों का पालन'
सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ स्टडीज के चेयरमैन सुदिप्तो मंडल ने कहा कि पिछले अनुभव से पता चलता है कि सरकार ने राजकोषीय नीतियों का पालन किया है. उदाहरण के लिए 2019 में सरकार ने अपने बजट में बहुत अधिक लोकलुभावन ऐलान नहीं किए थे. इस बजट में भी ऐसा ही कुछ होने की उम्मीद दिख रही है.
उन्होंने आगे कहा कि हालांकि सरकार टैक्स के मोर्चे पर नौकरीपेशा लोगों को राहत दे सकती है. मानक कटौती की राशि को बढ़ाया जा सकता है. बता दें कि फिलहाल मानक कटौती के तहत 50,000 रुपए तक की छूट है.
महिलाओं के लिए अलग से मिल सकती है छूट
म्यूनिख स्थित इंटरनेशल इंस्टिट्यूट ऑफ पब्लिक फाइनेंस (IIPF) की संचालन प्रबंधन मंडल की सदस्य की भूमिका निभा रहीं लेखा चक्रवर्ती ने कहा कि महिला वोटर्स पर जोर को देखते हुए इनकम टैक्स की धारा 88C के तहत महिलाओं के लिए कुछ अलग से टैक्स छूट मिल सकती है, हालांकि भारत में चूंकि टैक्स पेयर्स काफी कम हैं इसिलए कोई बड़ी घोषणा होने की उम्मीद कम है.