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India Daily

महंगी चीनी से राहत मिलने के आसार नहीं, 2023-24 की पहली तिमाही में उत्पादन में आई 7.7 फीसदी की कमी

पिछले कुछ महीनों में महाराष्ट्र में चीनी का थोक मूल्य 37 रुपए किलो पहुंच गया है जबकि उत्तर प्रदेश में थोक बजारा में चीनी 39 रुपए किलो बिक रही है.

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Edited By: Sagar Bhardwaj
Sugar production

हाइलाइट्स

  • प्रमुख चीनी उत्पादक राज्यों में चीनी का उत्पादन घटा
  • गन्ने की पैदावार में कमी बना कारण

Sugar Production: नए साल में भी आसमान छूते चीनी के दामों से राहत मिलने के आसार नजर नहीं आ रहे हैं. 2023-24 की पहली तिमाही में चीनी के उत्पादन में 7.7 फीसदी की कमी आई है और यह घटकर  113 लाख टन रहा है. महाराष्ट्र और कर्नाटक में गन्ने की पैदावार में कमी होना इसका कारण है.

नेशनल फेडरेशन ऑफ कोऑपरेटिव शुगर फैक्ट्रीज (NFCSF) द्वारा जारी किए गए डेटा के अनुसार मौजूदा सीजन में दिसंबर 2023 तक 511 फैक्ट्रियों ने अब तक 1223 लाख टन गन्ने की पेराई की है. बता दें कि भारत में चीनी उत्पादन करने वाले तीन प्रमुख राज्यों उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र और कर्नाटक में चीनी उत्पादन में कमी आई है. 

इस साल घटेगा चीनी का उत्पादन
देश में 2023-24 सीजन में घरेलू खपत के लिए 305 लाख टन  चीनी का उत्पादन होने की उम्मीद है. जो पिछले साल 2022-23 में 330.90 लाख टन रहा था.

NFCSF के डेटा के मुताबिक चीनी के सबसे बड़े उत्पादक राज्य  महाराष्ट्र में दिसंबर तक 38.40 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ है जबकि 2022-23 में यह 47.40 लाख टन था.

वहीं कर्नाटक में इस सीजन में 24 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ जबकि पिछले साल 26.70 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ था. उत्तर प्रदेश में दिसंबर 2023 तक 34.65 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ है जो कि एक साल पहले 30.80 लाख टन था.

ठंड बढ़ने के साथ चीनी के प्रोडक्शन में होगा इजाफा
NFCSF के मुताबिक, ठंड बढ़ने के साथ-साथ ही चीनी के प्रोडक्शन में भी बढ़ोतरी होगी. सीजन के अंत तक यूपी में 115 लाख टन चीनी के उत्पादन की उम्मीद है. वहीं महाराष्ट्र में चीनी का उत्पादन 90 लाख टन और कर्नाटक में यह बढ़कर 42 लाख टन हो सकता है. गुजरात में 10  लाख टन और तमिलनाडु में 12 लाख टन चीनी का उत्पादन हो सकता है.

NFCSF के एमडी प्रकाश नायकनवारे ने कहा कि आने वाले दिनों में सरकार गन्ने से एथेनॉल का उत्पादन करने पर लगी बंदिशों में छूट दे सकती है. उन्होंने कहा कि पहले 290 लाख टन चीनी के उत्पादन होने का अनुमान था जिसमें 15 लाख टन का और इजाफा हो सकता है. नायकनवारे ने आगे कहा कि इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन केंद्र सरकार का इस ओर ध्यान आकर्षित करेगी जिससे चीनी कंपनियों को राहत मिल सके.