शादी से इश्क डेटिंग से दूरी, अनुपम मित्तल ने खुद ही बता दिया Dating में न इनवेस्ट करने का राज
Shark Tank India: शादी डॉट कॉम के फाउंडर और शार्क टैंक इंडिया के अनुपम मित्तल ने डेटिंग बिजनेस में इनवेस्टमेंट न करने के कारण का खुलासा किया है.
Shark Tank India: शार्क टैंक इंडिया के जज अनुपम मित्तल डेटिंग ऐप्स में इनवेस्टमेंट नहीं करना चाहते. शादी डॉट कॉम के फाउंडर ने इस बार का खुलासा एक पॉडकास्ट में किया है. उनसे पूछा गया कि शादी डॉट कॉम खोलने के बाद भी उन्होंने आखिर डेटिंग जैसे ऐप्स में निवेश क्यों नहीं किया तो शार्क टैंक के जज ने जवाब दिया कि डेटिंग बिजनेस में ज्यादा पैसा नहीं है. भारत में टिंडर या फिर बंबल जैसे प्लेटफार्म ज्यादा प्रोग्रेसिव नहीं हैं.
अनुपम मित्तल ने कहा कि भारत में डेटिंग ऐप्स ज्यादा रेवेन्यू नहीं जनरेट कर रहे हैं. और समस्या ये है कि ऐसै ऐप्स एकतरफा हैं.
इसलिए नहीं लगाते पैसे
उन्होंने आगे कहा कि औरतों के पास सिलेक्ट करने के लिए बहुत कुछ होता है. कुछ ही लड़के होते हैं जो उनकी मांगों को पूरा कर पाते हैं. इसलिए दूसरे लड़के जो इन डेटिंग वेबसाइट्स पर आते हैं उन्हें समझ ही नहीं आता कि वो लड़कियों से क्या बोलें और कैसे बोलें. वो ऐसी बातें करते हैं कि लड़कियां उन्हें छोड़कर चली जाती हैं. इसलिए मेरा मानना है कि इन कंपनियों में ज्यादा पैसा बनाने की पोटेंशियल नहीं है.
शार्क टैंक के जज ने आगे कहा कि वर्तमान समय की युवा पीढ़ी डेटिंग साइट्स की ओर ज्यादा आकर्षित हो रही है. लेकिन शॉदी डॉट की ज्यादातर ऑडियंस मिलेनियल्स होती है. लोगों को लगता है कि शादी डॉट काम जैसी मैच मेकिंग साइट मिलेनियल्स नहीं इस्तेमाल करते लेकिन ये बिल्कुल गलत है.
खाते में थे केवल 25 लाख रुपये
अपने स्टार्टअप शादी डॉट कॉम के बारे में बोलते हुए उन्होंने बताया कि उनकी एक कंपनी थी जो दूसरी कंपनियों को आईटी सॉल्यूशन प्रोवाइड कराती थी. वहां से हमने सगाई डॉट कॉम की शुरुआत की. जो शादी डॉट कॉम की शुरुआत थी. हमने पिछली कंपनी में सेव किए करीब 30,000 हजार यूएस डॉलर सेव किए थे. उस समय हमें Shaadi.com का डोमेन करीब 25,000 डॉलर में मिल रहा था... 25,000 या 30,000 डॉलर बहुत ज्यादा लग रहे थे. लेकिन मेरा मानना था कि डोमेन की वजह से यह प्रोडक्ट लोगों की लाइफ को आसान बना सकता था इसलिए हमने सारा पैसा उस बिजनेस में डाल दिए.
लिया था रिस्क
अनुपम मित्तल ने बताया कि जब उन्होंने अपनी कंपनी का डोमेन 20 लाख रुपये में लेट 1990 में खरीद था. उन्होंने कहा कि उस समय कंपनी के पास केवल 25 लाख रुपये था. इसके बावजूद उन्होंने साइट का डोमेन खरीदने के लिए दांव लगाया क्योंकि उन्हें ऐसा विश्वास था कि आगे चलकर ये बिजनेस उन्हें पे जरूर करेगा.