Share Market News: 12 जुलाई को भारतीय शेयर बाजार लगातार छठे हफ्ते तेजी के साथ बंद हुआ. टेक्नोलॉजी और एफएमसीजी स्टॉक्स ने बाजार में तेजी लाने में मुख्य भूमिका निभाई. अच्छा मानसून, सितंबर में ब्याज दरों में संभावित कटौती, अमेरिकी महंगाई में कमी और एक शानदार बजट के आने की उम्मीद से बाजार में पॉजीटिव सेंटिमेंट बना हुआ है.
शेयर बाजार में अगले हफ्ते भी दमदार तेजी देखने को मिल सकती है. अगले हफ्ते तमाम कंपनियों के तिमाही नतीजे, भारत की थोक महंगाई के आंकड़े, घरेलू आर्थिक डेटा, वैश्विक आर्थिक डेटा, FII-DII का निवेश और आने वाले IPO पर सबकी नजर रहने वाली है. ये सभी कारण बाजार को एक नई उड़ान दे सकते हैं.
कंपनियों के तिमाही नतीजे
पिछले हफ्ते TCS के दमदार नतीजों के बाद बाजार में शानदार तेजी देखने को मिली थी. टेक्नोलॉजी शेयरों में लंबे वक्त के बाद तेजी लौटी है और अब तकनीकी शेयर एक नई चाल पकड़ने को तैयार हैं. अगले हफ्ते रिलायंस, इंफोसिस, एचडीएफसी बैंक, , HDFC लाइफ इंश्योरेंस, बजाज ऑटो, एशियन पेंट्स, LTI माइंडट्री , JSW स्टील, अल्ट्राटेक सीमेंट, विप्रो, कोटक महिंद्रा बैंक और भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन आदि कंपनियां अपने तिमाही नतीजे जारी करेंगीं.
थोक महंगाई
सोमवार को निवेशकों की नजर जून के थोक महंगाई के आंकड़ों पर भी रहेगी. अर्थशास्त्रियों ने थोक महंगाई में मई के मुकाबले वृद्धि का अनुमान जताया है.
अहम होगी पॉवेल की स्पीच
अगले हफ्ते फेडरल रिजर्व के चेयरमैन जेरोम पॉवेल की स्पीच भी अहम रहने वाली है. निवेशकों को उम्मीद है कि जेरोम पॉवेल सितंबर में ब्याज दरों में कटौती का ऐलान कर सकते हैं. ट्रेडर्स को इसकी 94% संभावना नजर आ रही है.
FII-DII का फ्लो
बीते सप्ताह विदेशी संस्थागत निवेशकों ने भारतीय बाजार में जमकर खरीदारी करते हुए कैश सेगमेंट में 3,844 करोड़ रुपए के इक्विटी शेयर खरीदे. वहीं घरेलू संस्थागत निवेशक खरीदारी के मामले में और भी आगे रहे और उन्होंने 5,391 करोड़ रुपए के शेयर खरीद डाले. बजट से पहले यह खरीदारी जारी रह सकती है.
IPO
अगले सप्ताह 4 नए इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग (IPO) आ रहे हैं, जिसमें से तीन SME सेगमेंट और 1 मेनबोर्ड सेगमेंट में आएगा. इन आईपीओ पर भी निवेशकों की नजर रहेगी.
वैश्विक आर्थिक डेटा
अगले हफ्ते अमेरिका में जून महीने की खुदरा बिक्री, नौकरियों के आंकड़े जारी होंगे. इसके अलावा यूरोप, जापान और ब्रिटेन भी महंगाई के आंकड़े जारी करेंगे. इसके अलावा 15-18 जुलाई के दौरान चीन में होने वाली प्रमुख राजनीतिक सभा पर भी निवेशकों की पैनी नजर रहेगी. इस सभा में चीन में आर्थिक सुधारों पर फोकस रहने की उम्मीद है.