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India Daily

RBI ने राज्यों को दी चेतावनी, पुरानी पेंशन स्कीम को बहाल करने से थम जाएगा विकास, कर्ज तले दब जाएगी सरकार 

Old Pension Scheme: ओल्ड पेंशन स्कीम को बहाल करने के मसले पर भारतीय रिजर्व बैंक ने राज्य सरकारों को चेताया है. उसका कहना है कि राज्यों को राजस्व बढ़ाने पर ध्यान देना चाहिए. उन्हें लोक लुभावने वायदे करने से बचना चाहिए. 

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Edited By: Gyanendra Tiwari
RBI

हाइलाइट्स

  • भारतीय रिजर्व बैंक ने राज्यों को चेताया
  • कहा पुरानी पेंशन स्कीम बहाल करने से बचें

Old Pension Scheme: पुरानी पेंशन स्कीम को लेकर भारतीय रिजर्व बैंक ने राज्यों को चेतावनी देते हुए कहा है कि इसे फिर से बहाल करने के बारे में सोचें भी न. दरअसल, चुनाव जीतने के लिए पार्टियां पुरानी पेंशन स्कीम को बहाल करने के वायदे करती हैं. राजस्थान की गहलोत सरकार ने तो इसे अपने कार्यकाल में बहाल ही कर दिया था. आरबीआई ने कहा है कि राज्य सरकारों के लुभावने वादे वित्तीय सेहत को कमजोर कर सकती है. 

पुरानी पेंशन स्कीम को बहाल करने से बचें राज्य सरकारें

भारतीय रिजर्व बैंक का कहना है कि पुरानी पेंशन स्कीम को बहाल करने से राज्यों का खर्च बढ़कर कई गुना तक हो जाएगा जो बर्दाश्त से बाहर होगा. सरकारी खजाने के लिए पुरानी पेंशन स्कीम को दोबारा से बहाल करना राज्य सरकारों के लिए नुकसानदेह साबित हो सकती है. 

 

4.5 गुना तक बढ़ जाएगा वित्तीय भार

आपको बतातें चले कि राजस्थान के अलावा छत्तीसगढ़ और पंजाब में पुरानी पेंशन स्कीम लागू है. कर्नाटक में भी इसे फिर से बहाल करने को लेकर बात चल रही है. पुरानी पेंशन को बहाल करने की वजह से होने वाले नुकसान को देखते हुए आरबीआई ने राज्यों को नसीहत देते हुए कहा है कि न्यू पेंशन स्कीम को ही जारी रखें. अगर राज्य ओल्ड पेंशन स्कीम को दोबारा से लागू करते हैं तो सरकार पर वित्तीय दबाव 4.5 गुना तक बढ़ जाएगा. इसका असर देश की जीडीपी पर भी पड़ेगा. 

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि कुछ राज्यों द्वारा बहाल की गई पुरानी पेंशन स्कीम की तर्ज पर अन्य राज्य भी ओल्ड पेंशन स्कीम को फिर से बहाल करने के बारे में सोच रहे हैं. लेकिन ऐसा करने से उन पर वित्तीय बोझ कई गुना तक बढ़ जाएगा. कर्ज बढ़ने से विकास कार्यों में कमी आएगी. साथ ही आने वाली पीढ़ियों को नुकसान पहुंच सकता है. 

अगले साल है लोकसभा चुनाव

अगले साल देश में लोकसभा चुनाव होना है. ऐसे में राजनीतिक पार्टियां तरह-तरह के लोक लुभावने वादे कर रहे हैं. इस बात को लेकर रिजर्व बैंक ने कहा है कि सरकारों को राजस्व बढ़ाने की दिशा में काम करना चाहिए.  लोक लुभावने वायदे करने से बचना चाहिए. आरबीआई ने कहा है कि रजिस्ट्रेशन फीस, स्टांप ड्यूटी, अवैध खनन रोकने, टैक्स कलेक्शन बढ़ाने, टैक्स चोरी रोकने पर राज्यों को ध्यान देना चाहिए. आरबीआई ने राज्यों को  प्रॉपर्टी, एक्साइज और ऑटोमोबाइल पर लगने वाले टैक्स को रिन्यू करने पर भी ध्यान देने को कहा है.