Pulses Price Hike: अगले साल लोकसभा चुनाव होने हैं और दाल की महंगाई ने सरकार को परेशान कर रखा है. इसीलिए केंद्र की मोदी सरकार ने दाल की बढ़ती कीमतों को काबू करने के लिए बड़ा कदम उठाया है. दालों की कीमतों में और न इजाफा हो इसके लिए सरकार ने उड़द और अरहर की दाल में लगी फ्री इंपोर्ट ड्यूटी की अवधि को एक साल के लिए बढ़ा दिया है. सरकार के इस फैसले के बाद अब दाल और महंगी नहीं होगी.
लोकसभा चुनाव का शंखनाद होने वाला है. उससे पहले सरकार आम जनता को महंगाई से राहत दिलाने के लिए बड़ा कदम उठा रही है. इस साल दाल की बढ़ती कीमतों ने आम जनता की थाली से दाल को दूर रखा है. सरकार ने दालों पर लगने वाली इंपोर्ट ड्यूटी को माफ कर रखा था. अब फ्री इंपोर्ट ड्यूटी अवधि को 31 मार्च 2025 के लिए बढ़ा दिया गया है.
दाल की फ्री इंपोर्ट ड्यूटी की बढ़ाई गई अवधि को लेकर वाणिज्य मंत्रालय के अधीन आने वाले डीजीएफटी (DGFT) गुरुवार को इस संबंध में नोटिफिकेशन जारी कर सूचना दी है. उड़द और अरहर की दाल पर रिपोर्ट फ्री ड्यूटी 31 मार्च 2024 तक ही थी, जिसे अब एक और साल के लिए बढ़ा दिया गया है.
नवंबर में खुदरा महंगाई दर की कीमतों में बढ़ोतरी हुई थी, जिसके चलते खाद्य वस्तुओं की कीमतों में उछाल देखा गया. इसकी वजह से दालों की कीमतों में भी बढ़ोतरी देखी गई. अक्टूबर में 18.79 फीसदी रहने वाली दालों की महंगाई दर नवंबर माह में 20.23 फीसदी तक पहुंच गई थी.
पिछले एक साल में अरहर के दाल की कीमतें 37 फीसदी तक महंगी हुई हैं. पिछले वर्ष दिसंबर में अरहर के दाल की औसत मूल्य 11.5 रुपये प्रति किलो था वहीं इस साल ये कीमत 152.38 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गई है. बात करें उड़द दाल की तो पिछले साल इसी महीने में इसकी औसत कीमत 107.33 रुपये प्रति किलो थी जो इस साल 122.46 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गई है.