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प्रोफेसर की नौकरी छोड़ शुरू किया मशरूम का बिजनेस, बदल गई किस्मत! हर महीने कमाती हैं इतने लाख

तृप्ति ने बताया कि उनकी मशरूम की खेती से किसी भी प्रकार का कचरा नहीं निकलता और वह हर महीने लगभग 4 लाख रुपए की कमाई करती हैं. इसके साथ-साथ वह सैकड़ों लोगों को मशरूम की खेती सिखा चुकी हैं.

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Edited By: India Daily Live
Trupti Bhushan Dhakate
Courtesy: social media

Business News: नागपुर विश्विद्यालय से बॉटनी में गोल्ड मेडिलिस्ट तृप्ति भूषण धकाते, जो कभी एक प्रोफेसर के तौर पर कुछ हजार रुपए कमाती थीं, आज हर महीने 4 लाख रुपए कमाती हैं. तृप्ति के एक हुनर और जुनून ने उनकी जिंदगी पूरी तरह से बदल कर रख दी है. ऑयस्टर मशरूम की खेती ने उनकी किस्मत बदल कर रख दी.

चुनौतियों से नहीं मानी हार

ऑयस्टर मशरूम के बारे में लोगों को कम जानकारी होने के कारण तृप्ति को शुरुआत में इसकी मार्केटिंग में बड़ी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन आखिरकार उनकी मेहनत और लगन रंग लाई और आज वह ऑयस्टर मशरूम के बिजनेस से हर महीने करीब 4 लाख रुपए कमाती हैं. यही नहीं तृप्ति अब तक सैकड़ों लोगों को ऑयस्टर मशरूम की खेती सिखाकर सैकड़ों लोगों का भविष्य संवार चुकी हैं.

लोगों को नहीं था स्वाद का पता

तृप्ति बताती हैं, 'जब मुझे मशरूम की पहली खेप को बेचने में दिक्कत आई तो मैंने लोगों में इसको लेकर जागरुकता फैलाने का फैसला किया. मैं सब्जी मंडी में जाती और लोगों से ऑयस्टर मशरूम करी का स्वाद चखने को कहती. जल्द ही लोगों को इसका स्वाद अच्छा लगने लगा. इसके बाद मैंने 80 रुपए में 200 ग्राम ऑयस्टर मशरूम बेचना शुरू किया.'

जीरो वेस्ट पर कमाती हैं हर महीने 4 लाख
तृप्ति ने बताया कि उनकी मशरूम की खेती से किसी भी प्रकार का कचरा नहीं निकलता और वह हर महीने लगभग 4 लाख रुपए की कमाई करती हैं. इसके साथ-साथ वह सैकड़ों लोगों को मशरूम की खेती सिखा चुकी हैं.

ऐसे शुरु हुआ सफर
शादी से पहले, तृप्ति ने महाराष्ट्र के वर्धा में जे बी कॉलेज ऑफ साइंस और डॉ. डी वाई पाटिल बायोटेक्नोलॉजी एंड बायोइनफॉरमैटिक्स इंस्टीट्यूट में प्रोफेसर के रूप में काम किया. तृप्ति ने कहा शादी के बाद मैं संभाजी नगर चली गई जहां मैंने 2014 से 2016 के बीच  AgriGen Biotech में काम किया, यहां मुझे ऑयस्टर मशरूम की खेती और मिल्की मशरूम की किस्मों का अनुभव हुआ.

तृप्ति ने कहा कि उसी दौरान उन्होंने यूजीसी-नेट का एग्जाम पास कर लिया, लेकिन तब तक मेरी मशरूम की खेती में दिलचस्पी बढ़ गई थी और मैंने बिजनेसमैन बनने का फैसला किया.