नई दिल्ली. अब विद्यार्थी पॉलीटेक्निक की प्रवेश परीक्षा दिए बिना डी फार्मा, फैशन डिजाइनिंग, इंजीनियरिंग और कृषि डिप्लोमा जैसे कोर्स में डायरेक्ट प्रवेश नहीं ले पाएंगे. इसके पहले प्राइवेट संस्थान प्रवेश परीक्षा नहीं देने वाले विद्यार्थियों को भी प्रवेश दे देते थे, लेकिन अब वे ऐसा नहीं कर पाएंगे. इसको लेकर शासन से आदेश जारी हुआ है और स्पॉट काउंसलिंग पर रोक लगा दी गई है. अब विद्यार्थियों को ऑनलाइन काउंसलिंग के जरिए ही प्रवेश लेना होगा. इस संबंध में शासनादेश भी जारी कर दिया गया है. इसके साथ ही इस निर्णय से निजी संस्थानों द्वारा किए जा रहे मनमाने प्रवेश पर अंकुश लगेगा. इसके साथ ही मनमानी फीस की वसूली पर भी इससे रोक लगेगी
दो अगस्त को होनी है पॉलिटेक्निक परीक्षा
प्राविधिक शिक्षा मंत्री आशीष पटेल ने बताया कि पॉलिटेक्निक प्रवेश परीक्षा आगामी दो अगस्त को होनी है. इसमें करीब चार लाख अभ्यर्थी परीक्षा देंगे. इन अभ्यर्थियों को सरकारी और निजी दोनों पॉलीटेक्निक संस्थानों को मिलाकर करीब 2 लाख 88 हजार 388 सीटों पर प्रवेश दिया जाना है.
प्राइवेट संस्थान कर रहे थे मनमानी
प्राविधिक शिक्षा मंत्री ने कहा कि स्पॉट काउंसलिंग करके प्राइवेट संस्थान लाखों रुपये फीस वसूल कर रहे थे. वहीं परीक्षा में बैठने वाले गरीब और मध्यम वर्गीय विद्यार्थियों को प्रवेश नहीं मिल पा रहा था. इस कारण मजबूर होकर उनको 50 हजार रुपये अधिक फीस देनी होती थी.
उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर विभाग ने इस प्रक्रिया पर रोक लगाई है. अब जो अभ्यर्थी प्रवेश परीक्षा में बैठेंगे और संयुक्त प्रवेश परीक्षा परिषद उप्र द्वारा कराई जाने वाली ऑनलाइन काउंसलिंग में हिस्सा लेंगे, वे निजी संस्थानों में प्रवेश ले सकेंगे. इसकी तरह तकनीकी शिक्षा की गुणवत्ता बनाए रखने के लिए अब निजी पॉलीटेक्निक्स और संस्थानों को मुख्य कोर्स जैसे डी-फार्मा, इंजीनियरिंग, फैशन डिजाइनिंग आदि की परीक्षाएं राजकीय पॉलीटेक्निक में करानी होंगी. इसके पहले निजी संस्थान आपस में तय करके परीक्षा केंद्र निर्धारित करवा लेते थे. इससे नकल माफिया भी नकल करा लेते थे, लेकिन अब ये खेल बंद हो जाएगा.