Old vs New Income Tax Slab: क्या चुनाव के बाद पड़ेगा आपकी सैलरी पर असर, नया या पुराना, क्या चुनना बेहतर

इनकम टैक्स रिटर्न भरने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है. ऐसे में यह जानना आपके लिए बेहद जरूरी है कि नई कर व्यवस्था से टैक्स भरना फायदेमंद होगा या पुरानी कर व्यवस्था से.

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2023 के अपने बजट भाषण में नई कर व्यवस्था में कई बदलावों का ऐलान किया था. उन्होंने यह भी कहा था कि नई कर व्यवस्था एक डिफॉल्ट व्यवस्था होगी. इसका मतलब ये है कि अब से नौकरीपेशा लोगों को नई कर व्यवस्था के आधार पर टैक्स देना होगा. उनके पास पुरानी कर व्यवस्था से टैक्स देने का भी विकल्प होगा लेकिन इसके लिए उन्हें नियोक्ता से आवेदन करना होगा.

ऐसे में यह जानना आपके लिए बेहद जरूरी है कि नई कर व्यवस्था से टैक्स भरना फायदेमंद है या पुरानी कर व्यवस्था से....

केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड द्वारा अप्रैल 2023 को जारी किए गए सर्कुलर के अनुसार,  कर्मचारी पुरानी या नई कर व्यवस्था से टैक्स भर सकते हैं लेकिन कर्मचारियों को अपने नियोक्ता को इसकी जानकारी वित्त वर्ष की शुरुआत में ही देनी होगी. ऐसा इसलिए क्योंकि 1 अप्रैल 2023 से नई कर व्यवस्था एक डिफॉल्ट कर व्यवस्था बन गई है.

नई और पुरानी कर व्यवस्था में क्या अंतर...

  • वित्त मंत्री द्वारा फरवरी में पेश किए गए अंतरिम बजट में उन्होंने स्लैब दरों की संख्या बढ़ाकर 6 कर दी थी. टैक्स की दरें अब 6 स्लैब में 0%, 5%, 10%, 15%, 20% और  30%  हैं.
  • पुरानी कर व्यवस्था में जो छूट और कटौतियां उपलब्ध थीं वो अब नहीं कर व्यवस्था में उपलब्ध नहीं हैं. नई कर व्यवस्था के अंदर एक मात्र लाभ 50,000 रुपए की स्टैंडर्ड कटौती है, हालांकि यह व्यवस्था पुरानी कर व्यवस्था में भी थी.
  • वहीं अगर सभी कटौतियों के बाद आपकी कर योग्य आय अगर 5 लाख से कम है तो व्यक्ति को टैक्स देने की जरूरत नहीं थी. वहीं नई कर व्यवस्था में 7 लाख तक की आय पर कोई टैक्स नहीं देना होगा.

नई और पुरानी कर व्यवस्था में टैक्स स्लैब

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