1 दिसंबर से सिम कार्ड के नियम बदले जा चुके हैं। अब सिम खरीदने या बेचने के नियम सख्त हो चुके हैं और अगर इनका पालन नहीं किया गया तो दोषी को 10 लाख रुपये तक का जुर्माना और जेल की सजा हो सकती है। इन नियमों को पहले 1 अक्टूबर 2023 से ही बदला जाना था लेकिन सरकार ने इसकी समयसीमा 2 महीने बढ़ा दी थी। चलिए जानते हैं इन नियमों की अहम बातें।
सिम कार्ड के बदले नियम:
नई सिम खरीदते समय यूजर वेरिफिकेशन करना बेहद जरूरी है। सिर्फ कस्टमर का ही नहीं बल्कि विक्रेता का भी वेरिफिकेशन होना बेहद जरूरी है। बता दें कि सिम डीलरों का भी पुलिस वेरिफिकेशन जरूरी हो गया है।
आजकल सिम कार्ड फ्रॉड बेहद ही आम हो गए हैं और हैकर्स यूजर्स का नंबर क्लोन करके आसानी से उनके पैसे चुरा लेते हैं। इन नियमों के आने से इस तरह के सिम कार्ड फ्रॉड में कमी आने की संभावना है।
बता दें कि अगर इन नियमों का पालन नहीं किया गया तो दोषी पाए जाने पर 10 लाख रुपये तक का जुर्माना और जेल की सजा हो सकती है।
नए नियम के तहत सिम कार्ड खरीदने की संख्या 9 तक सीमित कर दी गई है। इसके अलावा अगर आप नया सिम खरीदते हैं या फिर मौजूदा नंबर पर नई सिम अप्लाई करते हैं तो आधार डिटेल्स जरूरी होंगी। इन यूजर्स को डेमोग्राफिक डिटेल्स के साथ KYC फॉर्म भरना होगा।
अगर कोई बल्क में सिम कार्ड खरीद रहा है या फिर बेच रहा है तो उसके पास बिजनेस कनेक्शन होना जरूरी है।
अगर कोई सिम कार्ड डिएक्टिवेट कराता है तो वो सिम डिएक्टिवेशन के 90 दिनों बाद ही किसी दूसरे यूजर के लिए इश्यू की जाएगी।
अगर किसी सिम डीलर को किसी भी तरह की गलत गतिविधि में लिप्त पाया गया तो 3 साल के लिए टेलिकॉम ऑपरेटर से उसका संबंध खत्म कर दिया जाएगा।
सभी टेलिकॉम ऑपरेटर्स को अपनी फ्रेंचाइजी, PoS एजेंट्स और डिस्ट्रीब्यूटर्स को रजिस्टर करना होगा। इन सभी की वेरिफिकेशन की जाएगी। अगर कंपनियों द्वारा ऐसा नहीं किया जाता है तो इन पर 10 लाख रुपये का जुर्माना लग सकता है।