बीते कुछ सालों में दुनियाभर में आर्थिक मामलों को लेकर उथल-पुथल मची हुई है. कई देशों में आर्थिक तंगी के चलते लोगों की नौकरियां जा रही हैं. भारत जैसे देश में भी महंगाई से लोग परेसान हैं. अब भारत सरकार के आंकड़ों में खुलासा हुआ है कि लोगों की बचत में तेजी से कमी आ रही है और पिछले तीन साल से हर साल जमापूंजी घटती जा रही है. सांख्यिकी एवं कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय (MoSPI) के नेशनल अकाउंट स्टैटिस्टिक्स 2024 के मुताबिक, साल 2022-23 में नेट हाउसहोल्ड सेविंग में 9 लाख करोड़ की कमी आई है और यह घटकर 14.16 लाख करोड़ तक पहुंच गई है.
आंकड़ों के मुताबिक, साल 2022-21 में नेट हाउसहोल्ड सेविंग अपने पीक पर थी और यह कुल 23.29 लाख करोड़ तक पहुंच गई थी. उसके बाद से हर साल इसमें कमी ही होती जा रही है. साल 2021-22 में यह घटकर 17.12 लाख करोड़ हुई और साल 2022-23 में घटकर 14.16 लाख करोड़ ही रह गई. इससे पहले, साल 2017-18 में भी इसमें कमी आई थी और कुल 14.92 लाख करोड़ रुपये की ही नेट हाउसहोल्ड सेविंग बची थी.
आंकड़ों के मुताबिक, पिछले तीन सालों में लोगों का निवेश म्यूचुअल फंड्स में तीन गुना बढ़ गया है. 2020-21 में जहां म्यूचुअल फंड में कुल निवेश 64,084 करोड़ था वह 2022-23 में बढ़कर 1.79 लाख करोड़ तक पहुंच गया. 2021-22 में म्यूचुअल फंड में कुल निवेश 1.6 लाख करोड़ रुपये ही था.
वहीं, शेयर और डिबेंचर्स में भी निवेश दोगुना होकर 2.06 लाख करोड़ तक पहुंच गया जबकि साल 2020-21 में यह सिर्फ 1.07 लाख करोड़ ही था. बैंक लोन भी पिछले तीन साल में दोगुना हो गया है. साल 2020-21 में जो बैंक लोन 6.06 लाख करोड़ था, वह 2022-23 में 11.88 लाख करोड़ हो गया.