यूनिफाइ़ड पेंशन स्कीम (UPS) 1 अप्रैल, 2025 से लागू होगी. पहले पुरानी पेंशन योजना (OPS) चलती थी, जिसे सरकार ने बंद किया और नई पेंशन योजना (NPS) लेकर आई. पुरानी योजना वित्तपोषित नहीं थी, जबकि यूपीएस और वर्तमान नई पेंशन योजना या एनपीएस दोनों पूर्णत वित्तपोषित पेंशन योजनाएं हैं.
वित्तपोषित पेंशन योजना वह होती है जिसे निवेश पर सेवानिवृत्ति निधि के रिटर्न के आधार पर वर्तमान और भविष्य के वित्तीय दायित्वों को पूरा करने के लिए डिज़ाइन किया जाता है. कर्मचारी और नियोक्ता से अनिवार्य योगदान और वार्षिक बजट आवंटन के माध्यम से भी वित्तपोषण सुनिश्चित किया जाता है. केंद्र सरकार के अधिकांश कर्मचारियों के एनपीएस से यूपीएस में जाने की संभावना है, क्योंकि यूपीएस में 25 वर्षों तक सेवा देने वालों को पिछले 12 महीनों के औसत मूल वेतन का 50% मासिक पेंशन के रूप में मिलने की गारंटी होगी, जो कर्मचारी यूनियनों की प्रमुख मांग है.
चूंकि एनपीएस पूरी तरह से वित्त पोषित था इसका कोष मुख्य रूप से संघीय ऋण में निवेश किया गया था. इसकी पेंशन बाजार रिटर्न से जुड़ी थी, बिना किसी गारंटीकृत भुगतान के जो संघीय कर्मचारियों की एक प्रमुख मांग थी. 2004 में समाप्त की गई OPS में भी न्यूनतम 20 वर्ष की सेवा करने वाले कर्मचारियों को उनके मूल वेतन के आधे के बराबर मासिक पेंशन दी जाती थी. OPS की तरह ही UPS भी ग्रेच्युटी के अलावा सेवानिवृत्ति पर एकमुश्त भुगतान की पेशकश करेगा.जबकि ओपीएस ने मूल वेतन के 50% के बराबर निश्चित पेंशन की गारंटी दी, कर्मचारियों को पेंशन लाभों के लिए अपने वेतन से कुछ भी योगदान करने की आवश्यकता नहीं थी.
मौजूदा एनपीएस को 2004 में एक बड़े राजकोषीय सुधार के रूप में लागू किया गया था क्योंकि एक अप्राप्त पेंशन प्रणाली से कर्ज बढ़ रहा था खासकर राज्यों का. एनपीएस के तहत कुल योगदान में सरकार का हिस्सा 14% था, जबकि कर्मचारियों को अपने पारिश्रमिक का 10% देना पड़ता था. शनिवार को पेश किए गए यूपीएस के तहत सरकार का योगदान 18.5% होगा, जबकि कर्मचारी 10% योगदान देंगे.
देश के सबसे बड़े ऋणदाता भारतीय स्टेट बैंक के समूह मुख्य आर्थिक सलाहकार सौम्य कांति घोष ने कहा कि चूंकि ओपीएस एक गैर-वित्तपोषित प्रणाली थी इसलिए लंबी अवधि में राज्य सरकारों की पेंशन देनदारियों में तेज और अस्थिर उछाल आया है. 2023-24 में भारत का संघीय पेंशन बजट 2.34 लाख करोड़ था. घोष ने कहा कि 2020-21 तक राजस्व प्राप्तियों के प्रतिशत के रूप में पेंशन व्यय 13.2% था.