मिट्टी और हवा छोड़िए अब मंगल की 'हवा' पकड़कर लाएंगे वैज्ञानिक, आखिर क्या है इरादा?
नासा का पर्सिवियरेंस रोवर पहले ही 24 नमूनों को टाइटेनियम ट्यूबों में सील कर दिया है. वहां से कई तरह के सैंपल जुटाए जा रहे हैं. चट्टान और मिट्टी के नमूने एकत्र करते-करते कुछ ऐसा मिला है, जिसने कई तरह की संभावनाओं को जन्म दे दिया है. इससे पहले अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने मंगल ग्रह पर रहस्यमयी गड्ढा खोजा है.
नासा मंगल ग्रह पर नई संभावनाएं की तलाश रहा है. नासा इस रहस्यमयी ग्रह में घुस चुका है. उसका रोवर वहां से सैंपल जुटा रहा है. पर्सिवियरेंस रोवर न केवल चट्टान और मिट्टी के नमूने एकत्र कर रहा है, बल्कि इस प्रक्रिया में मूल्यवान वायुमंडलीय डेटा भी एकत्र कर रहा है. रोवर ने पहले ही 24 नमूनों को टाइटेनियम ट्यूबों में सील कर दिया है. अब जो डेटा मिला है उससे अनुमान लगाया जा रहा है कि मंगल ग्रह पर हवा है.
हालांकि मंगल ग्रह से सूक्ष्मजीवी जीवन के चिह्नों की खोज के लिए चट्टान के कोर और रेगोलिथ से सैंपल लिए जा रहे हैं, लेकिन इन नमूनों के आसपास के अतिरिक्त स्थान में फंसी हवा, जिसे "हेडस्पेस" के नाम से जाना जाता है उसका मिलना इस मिशन को और सक्सेसफुल बना सकता है.
ग्रह के प्राचीन वायुमंडल के बारे में मिलेगी जानकारी
नासा की जेट प्रोपल्शन प्रयोगशाला में ग्रह वैज्ञानिक ब्रांडी कैरियर बताती हैं कि मंगल ग्रह से आए वायु के नमूने हमें न केवल वर्तमान जलवायु और वायुमंडल के बारे में बताएंगे, बल्कि यह भी बताएंगे कि समय के साथ इसमें क्या बदलाव हुए हैं. इससे हमें यह समझने में मदद मिलेगी कि हमारी जलवायु से अलग जलवायु कैसे विकसित होती है. इन सैंपल ट्यूबों में मौजूद हेडस्पेस मंगल के जल चक्र, ट्रेस गैसों की मौजूदगी और ग्रह के प्राचीन वायुमंडल की संरचना के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी दे सकता है.
अपोलो 17 अंतरिक्ष यात्रियों द्वारा लाए गए नमूनों के हालिया अध्ययनों से इन वायुमंडलीय के बारे में कई जानकारियां मिली हैं. वैज्ञानिक नमूने एकत्र किए जाने के 50 साल बाद चंद्रमा के कमजोर वातावरण का विश्लेषण करने में सक्षम थे. हालांकि पर्सिवियरेंस का हरेक सैंपल ट्यूब में गैस की मात्रा कम है, लेकिन शोधकर्ता अधिक व्यापक प्रयोग करने के लिए कई ट्यूबों से गैसों को मिलाने पर विचार कर रहे हैं.
कुछ दिन पहले मिला रहस्यमयी गड्ढा
इससे पहले अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने मंगल ग्रह पर रहस्यमयी गड्ढा खोजा है. रिपोर्ट के अनुसार, वैज्ञानिकों ने मंगल ग्रह पर एक प्राचीन ज्वालामुखी के किनारे एक रहस्यमयी गड्ढा खोजा है. गड्ढे की तस्वीरें सबसे पहले नासा के मार्स रिकॉनिस्सेंस ऑर्बिटर ने ली थीं. फिलहाल इस बात की जानकारी उपलब्ध नहीं है कि मंगल ग्रह पर यह गड्ढा कैसे बना होगा.