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India Daily

4 दिसंबर से भारत होस्ट करेगा Global Tech Summit, टेक्नोलॉजी पर बात करने इंडिया आएंगे दुनिया के कई देश

Global Tech Summit: 4 दिसंबर से भारत तीन दिवसीय Global Technology Summit को होस्ट करेगा. दुनिया के अनेक देश इस समिट में भाग लेने इंडिया आएंगे.

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Edited By: Gyanendra Tiwari
global technology summit 2023

हाइलाइट्स

  • 4 दिसंबर से शुरू हो रहा है ग्लोबल टेक समिट
  • दुनिया के कई देश हिस्सा लेने आ रहे हैं भारत

Global Tech Summit: 4 दिसंबर से भारत तीन दिवसीय Global Technology Summit को होस्ट करेगा. दुनिया के अनेक देश इस समिट में भाग लेने इंडिया आएंगे. इस समिट में डाटा प्राइवेसी, एक्सपोर्ट कंट्रोल और राजनीति को प्रभावित करने वाली टेक्नोलॉजी पर बात होगी. टेक्नोलॉजी के विकसित होने के साथ उसके दुष्परिणाम भी देखने को मिल रहे हैं. डाटा प्रोटेक्शन के लिहाज  से यह ग्लोबल समिट बहुत ही महत्वपूर्ण होने वाली है. इसकी शुरुआत 4 दिसंबर से हो रही है. विदेश मंत्री एस जयशंकर के संबोधन के साथ ग्लोबल टेक्नोलॉजी समिट की शुरुआत होगी. 6 दिसंबर को इसका समापन होगा. इससे पहले सातवीं ग्लोबल टेक्नोलॉजी समिट का आयोजन नई दिल्ली में 27 नवंबर को हुआ था.

ग्लोबल टेक समिट की थीम

शुक्रवार को भारतीय विदेश मंत्रालय ने वैश्विक प्रौद्योगिकी शिखर सम्मेलन (Global Technology Summit) की थीम के बारे में जानकारी दी है. इस बार इस समिट की थीम जियो पॉलिटिक्स ऑफ टेक्नोलॉजी (प्रौद्योगिकी की भू-राजनीति) है. इस समिति की सह-मेजबानी विदेश मंत्रालय की पॉलिसी प्लानिंग एवं रिसर्च डिवीजन और कार्नेगी इंडिया कर रहा है.

इन मुद्दों पर होगी चर्चा

ग्लोबल टेक्नोलॉजी समिट में प्रौद्योगिकी का भू-राजनीति पर  प्रभाव, नई टेक्नोलॉजी, महत्वपूर्ण और उभरती टेक्नोलॉजी, डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचे, निर्यात नियंत्रण, डाटा संरक्षण के साथ-साथ नवाचार से संबंधित नीतिगत मुद्दों पर चर्चा होगी.

कई देश ले रहे हैं भाग


विदेश मंत्रालय ने जानकारी देते हुए बताया कि भारत और दुनियाभर से नीति निर्माताओं, उद्योग विशेषज्ञों, शिक्षाविदों, टेक्नोक्रेट और इनोवेटर्स सहित करीब सौ स्पीकर्स और हजारों प्रतिभागी इस ग्लोबल टेक्नोलॉजी समिट में हिस्सा ले रहे हैं. देशों की बात करें तो ग्लोबल टेक्नोलॉजी समिट में अमेरिका, ब्रिटेन, जर्मनी, सिंगापुर, सिएरा लियोन, श्रीलंका, केन्या, लिथुआनिया, ब्राजील और यूरोपीय संघ सहित कई देशों के मंत्री और वरिष्ठ सरकारी अधिकारी हिस्सा लेने भारत आएंगे.