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8वां वेतन आयोग से सरकारी कर्मचारियों को कितनी सैलरी बढ़ोतरी की उम्मीद करनी चाहिए? जानिए इसका फॉर्मूला

रिपोर्ट्स बताती हैं कि सरकार 1.92 से 2.86 के बीच फिटमेंट फैक्टर पर विचार कर सकती है. यदि रेंज का उच्च अंत, 2.86, चुना जाता है, तो सरकारी कर्मचारियों के लिए न्यूनतम मूल वेतन संभावित रूप से 51,480 रुपये तक बढ़ सकता है, जो वर्तमान 18,000 रुपये से काफी अधिक है.

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Edited By: Gyanendra Tiwari
How much salary hike should government employees expect from 8th Pay Commission fitment factor
Courtesy: Social Media

सरकारी कर्मचारियों और पेंशनरों के लिए 8वां केंद्रीय वेतन आयोग (CPC) 1 जनवरी 2026 से लागू होने जा रहा है. इससे एक करोड़ से अधिक केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों और पेंशनरों की सैलरी, पेंशन और भत्तों में वृद्धि होगी. इस आयोग के द्वारा मिलने वाली लाभों की खबरें सरकारी कर्मचारियों में काफी चर्चा का विषय बन चुकी हैं. आइए, जानते हैं कि इस वेतन आयोग से कर्मचारियों को कितनी सैलरी बढ़ोतरी की उम्मीद करनी चाहिए और इसका गणना का तरीका क्या है.

8वां वेतन आयोग और एयक्रॉयड फॉर्मूला

8वां वेतन आयोग भी 7वें वेतन आयोग की तरह सैलरी और पेंशन की वृद्धि के लिए एयक्रॉयड फॉर्मूला का पालन करेगा. इस फॉर्मूला के तहत कर्मचारियों की सैलरी का निर्धारण उनके जीवन निर्वाह की जरूरतों के हिसाब से किया जाता है. इसे डॉ. वॉल्स एयक्रॉयड ने विकसित किया था, जिनका मुख्य उद्देश्य था कि किसी भी श्रमिक के लिए आवश्यक न्यूनतम वेतन उसकी पोषण संबंधी जरूरतों को ध्यान में रखते हुए तय किया जाए.

एयक्रॉयड फॉर्मूला में एक श्रमिक, उसकी पत्नी और दो बच्चों के लिए न्यूनतम वेतन का निर्धारण किया जाता है. यह फॉर्मूला 1957 में भारतीय श्रमिक सम्मेलन (ILC) द्वारा अपनाया गया था और तब से इसका उपयोग न्यूनतम मजदूरी निर्धारण के लिए किया जा रहा है.

7वें वेतन आयोग का असर

7वें वेतन आयोग में एयक्रॉयड फॉर्मूला का उपयोग करते हुए न्यूनतम मूल वेतन को ₹7,000 से बढ़ाकर ₹18,000 किया गया था. साथ ही, इसमें एक फिटमेंट फैक्टर भी शामिल किया गया था, जिससे सैलरी में वृद्धि हुई. इसके तहत एक फिटमेंट फैक्टर को 2.57 के रूप में लागू किया गया था, जिससे कर्मचारियों की सैलरी का पुनरीक्षण हुआ था.

8वें वेतन आयोग में संभावित बदलाव

अब जब 8वां वेतन आयोग आने वाला है, तो यह अपेक्षाएँ की जा रही हैं कि यह भी एयक्रॉयड फॉर्मूला का पालन करेगा, लेकिन इसमें कुछ बदलाव हो सकते हैं. रिपोर्ट्स के अनुसार, इस बार फिटमेंट फैक्टर को 1.92 से 2.86 के बीच माना जा सकता है. यदि अधिकतम फिटमेंट फैक्टर, यानी 2.86, अपनाया जाता है, तो न्यूनतम मूल वेतन ₹18,000 से बढ़कर ₹51,480 तक पहुँच सकता है, जो कि एक बड़ी बढ़ोतरी होगी. इसके अलावा, पेंशन में भी वृद्धि हो सकती है, और ₹9,000 से ₹25,740 तक पहुंचने की संभावना है.

फिटमेंट फैक्टर का महत्व

फिटमेंट फैक्टर वह गुणांक है जिसका उपयोग सैलरी और पेंशन में वृद्धि का निर्धारण करने के लिए किया जाता है. यह वर्तमान में मिलने वाली सैलरी या पेंशन राशि से गुणा किया जाता है. हालांकि, इस समय सैलरी वृद्धि का प्रतिशत अभी तक तय नहीं हुआ है, लेकिन पिछले आयोगों के सुझावों से हम अनुमान लगा सकते हैं कि इस बार भी कर्मचारियों की सैलरी में अच्छी वृद्धि हो सकती है.