Traffic Challan: सड़कों पर तेज रफ्तार के साथ वाहन चलाने और ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करने पर आपको तगड़ा जुर्माना भरना पड़ता है. ऐसे में सड़क पर चलते वक्त ट्रैफिक नियमों का पालन करना जरूरी होता है. नियमों के उल्लंघन पर ट्रैफिक अधिकारियों द्वारा चालान भी काट दिया जाता है. ऐसे में आइए जान लेते हैं ट्रैफिक चालान कितने प्रकार के होते हैं. कौन सा अधिकारी इन्हें काट सकता है. ट्रैफिक नियमों को नियंत्रित करने वाली व्यवस्था कैसे काम करती है. आइए समझ लेते हैं. ट्रैफिक चालान तीन प्रकार के होते हैं.
ऑन द स्पॉट चालान तब काटा जाता है जब नियमों का उल्लंघन करने वाले चालक को पुलिस रंगे हाथों पकड़ती है.ऐसे में पुलिस द्वारा तुरंत रशीद काटकर चालक को दे दी जाती है.काटे गए चालान को यदि मौके पर नहीं भरा जाता तो पुलिस उन्हें चालान थमाकर ड्राइविंग लाइसेंस जब्त कर लेती है. इसके बाद उस शख्स को दी गई तारीख पर कोर्ट जाकर जुर्माना भरकर डीएल छुड़ाना होता है.
यह चालान उन वाहन चालकों के लिए होता है जब नियमों का उल्लंघन करने वाला चालक मौके से फरार हो जाता है. ऐसे में ट्रैफिक पुलिस इनकी गाड़ियों इनकी गाड़ियों के नंबर नोट करके चालान रजिस्टर्ड पते पर भेज देती है. इसमें जुर्माना भरने की समय सीमा एक माह तक की होती है, अन्यथा चालान कोर्ट भेज दिया जाता है. खास बात यह है कि यह चालान ट्रैफिक पुलिस के स्थानीय दफ्तर जाकर भी भरा जा सकता है.
कुछ चालान ऐसे होते हैं जिन्हें कोर्ट द्वारा काटा जाता है. यह वे चालान होते हैं जिनमें सजा और जुर्माना दोनों की ही गुंजाइश रहती है. यह चालान गंभीर आपराधिक स्थिति में काटे जाते हैं. इन चालानों में मौके पर जुर्माना नहीं वसूला जाता है. यह चालान कोर्ट द्वारा ही काटे जाते हैं और जुर्माना भी कोर्ट जाकर ही भरना होता है.