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इधर गर्मी आई, उधर खाने-पीने की चीजों का दाम हाई, समझिए कैसे हीटवेव से बढ़ गई महंगाई

Inflation: बीते दो-ढाई महीनों से जारी भीषण गर्मी और हीटवेव का असर अब इंसानों के खाने की थाली तक पहुंचने लगा है. सब्जियों से लेकर दालों तक और दूध से लेकर तेल तक के दाम बढ़ गया है. एक अनुमान के मुताबिक, अगले कई सालों तक तापमान में इसी तरह से बढ़ोतरी होने वाली है. अगर ये अनुमान सच साबित होते हैं तो आने वाले सालों में महंगाई भी इसी रफ्तार से बढ़ने वाली है और आम लोगों के लिए मुश्किलें पैदा होने वाली हैं. भारत पर इसका असर और ज्यादा होगा क्योंकि खाने-पीने की चीजों से लेकर कई इंडस्ट्री तक खेती पर ही आधारित हैं.

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Edited By: India Daily Live
Food Inflation
Courtesy: Social Media

इस साल गर्मी अपना रौद्र रूप दिखा रही है. भीषण गर्मी के बीच तापमान 45 डिग्री को बार-बार पार कर जा रहा है. देश भर के सैकड़ों लोग अभी तक सिर्फ भीषण गर्मी के चलते अपनी जान गंवा चुके हैं. दूसरी तरफ, गर्मी के चलते महंगाई भी बढ़ गई है. सब्जियों के दाम आसमान छू रहे हैं, जिससे आम लोगों को समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. हीटवेव के चलते न सिर्फ ग्राहकों को समस्याएं हो रही हैं बल्कि उन लोगों का धंधा भी चौपट हो गया है जो दैनिक या साप्ताहिक बाजारों में अपनी दुकानें लगाते हैं. ऐसे में अगर आने वाले समय में गर्मी इसी तरह बढ़ती है तो महंगाई भी हर साल बढ़ती जाएगी. इसका नतीजा यह होगा कि खाने-पीने की चीजों के दाम इस मौसम में बेतहाशा बढ़ेंगे और आम लोगों के लिए बहुत मुश्किल भरा होगा.

वर्ल्ड मेटरोलॉजिकल ऑर्गनाइजेशन (WMO) ने अब वैश्विक स्तर पर सालाना से लेकर दशकीय क्लाइमेट अपडेट जारी करना शुरू कर दिया है. इसके मुताबिक, साल 2028 तक वैश्विक तापमान इसी तरह से बढ़ता रहेगा. इसके चलते बाढ़, सूखा, जंगल की आग और हीटवेव के मामले बढ़ते जाएंगे. साथ ही, चक्रवात और समुद्री तूफानों के मामले भी बढ़ेंगे. इस तरह की घटनाएं लाखों लोगों के विस्थापन और तबाही की भी वजह बनेंगी.

भारत पर क्या होगा इसका असर?

ऐसी घटनाओं का असर भारत पर बहुत बुरा होगा क्योंकि इससे सबसे ज्यादा प्रभाव खेती पर पड़ेगा. कम बारिश की वजह से धान और गन्ने की फसलें प्रभावित होंगी, वहीं ज्यादा बारिश की वजह से दलहनी फसलों को नुकसान होगा. नतीजा यह होगा कि हर घर में इस्तेमाल होने वाली दालों, चावल, आटे और तेल के दाम बढ़ते जाएंगे. बीते कुछ सालों में महाराष्ट्र, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में हुई भारी बारिश की घटनाओं के बाद इसका उदाहरण देखा भी जा चुका है.

मौजूदा समय में भी यही देखा जा रहा है कि हीटवेव और बारिश में देरी के कारण सब्जियां महंगी हो गई हैं. चारे की कमी के चलते दूध भी महंगा हो गया है. सब्जियों की सप्लाई कम होने के चलते दालों के दाम बढ़ गए हैं. सब्जियों और दालों के अलावा खाने-पीने की कई अन्य चीजों के दाम भी प्रभावित हुए हैं क्योंकि भीषण गर्मी में काम प्रभावित हो रहा है. फैक्ट्रियों में उत्पादन से लेकर खेती तक पर हीटवेव का असर पड़ा है.

हीटवेव का कहर

  • 30 डिग्री के ऊपर औसत तापमान में 1 डिग्री बढ़ोतरी होने से गेहूं का उत्पादन 3 से 4 पर्सेंट कम होता है
  • अगले चार साल में हर साल 1.5 डिग्री बढ़ता जाएगा वैश्विक तापमान
  • 2019 से 2023 तक हर साल बढ़ता गया है तापमान
  • गर्मी बढ़ने और पानी की कमी के चलते कम होती जा रही है बुवाई
  • बुवाई कम होने की वजह प्रभावित हो रहा है उत्पादन
  • उत्पादन कम होने और मांग ज्यादा होने से बढ़ रही है मंहगाई
  • खाद्य जरूरतों को पूरा करने के लिए भारत को आयात का लेना पड़ रहा है सहारा