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India Daily

सरकार ने कंपनियों से खाने के तेल की कीमतें कम करने को कहा, कंपनियां बोलीं- मार्च तक ऐसा करना संभव नहीं

सरकार ने कहा कि चूंकि तेल की अंतरराष्ट्रीय दरों में गिरावट आई है इसलिए कंपनियों को तेल की दरें अंतराष्ट्रीय कीमतों के अनुरूप करनी चाहिए.

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Edited By: Sagar Bhardwaj
Musturd oil

हाइलाइट्स

  • सरकार ने कंपनियों से खाद्द तेल की कीमतें कम करने को कहा
  • उत्पादकों ने कहा तुरंत ऐसा करना संभव नहीं.

 Edible Oil Prices: सरकार ने खाद्द तेल बनाने वाली कंपनियों से तेल की कीमतें कम करने को कहा है. सरकार ने कहा कि चूंकि तेल की अंतरराष्ट्रीय दरों में गिरावट आई है इसलिए कंपनियों को तेल की दरें अंतराष्ट्रीय कीमतों के अनुरूप करनी चाहिए, हालांकि तेल बनाने वाली कंपनियों ने कहा है कि तेल की कीमतों में तत्काल कटौती संभव नहीं है. सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स के एक संघ ने यह जानकारी दी.

'मार्च तक ऐसा करना संभव नहीं'

खाद्द तेल उत्पादन उद्योग के अधिकारियों ने कहा कि मार्च में सरसों की फसल की कटाई शुरू होने तक तेल की खुदरा कीमतों में कमी संभव नहीं हो सकती. सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष झुनझुनवाला ने एक पत्र में कहा, 'उपभोक्ता मामले के मंत्रालय ने कहा है कि सोयाबीन, सूरजमुखी और पाम ऑयल जैसे तेलों पर एमआरपी अंतरराष्ट्रीय कीमतों में कमी की सीमा तक कम नहीं की गई है.' 

हालांकि, उद्योग के अधिकारियों ने कहा कि कीमतों में तत्काल कटौती संभव नहीं है. अडाणी विल्मर के सीईओ अंग्शु मल्लिक ने कहा, 'खाद्द तेल की कीमतें बहुत स्थिर हैं. कीमतों में कोई भारी वृद्धि या कमी नहीं हुई है. हमारा एमआरपी हर महीने मौजूदा मूल्य रुझानों के अनुरूप सही किया जाता है. हमें कीमतों में तत्काल सुधार की उम्मीद नहीं है. हालांकि हम अंतरराष्ट्रीय कीमतों पर नजर रखते हैं और उसी के आधार पर फैसला लेंगे.' बता दें कि अडाणी विल्मर फॉर्च्यून ब्रांड के तहत खाद्द तेल बनाती है.

'3-4% तक की ही कटौती कर पाएंगी कंपनियां'

वहीं वनस्पति तेल ब्रोकरेज कंपनी सनविन ग्रुप के सीईओ संदीप बजोरिया ने कहा कि तेल की कीमतों में दिसंबर में 10% की गिरावट आई थी जो जनवरी में फिर से 8% बढ़ गईं. उन्होंने कहा कि ज्यादातर कंपनियां तेल की कीमतों में 3-4% तक की ही कटौती कर पाएंगी.